उत्तर प्रदेश एटीएस (UPATS) ने नकली नोट छापने वाले एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया है। इस ऑपरेशन में पुलिस ने पिलखुवा के लाखन रेलवे स्टेशन पर तैनात प्वाइंट्समैन गजेंद्र यादव समेत उसके दो अन्य साथियों को गिरफ्तार किया। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से ₹3.90 लाख की नकली करेंसी भी बरामद की है।
हापुड़ में किराए के फ्लैट से छप रहे थे नकली नोट
जांच में सामने आया है कि नकली नोट छापने का यह धंधा हापुड़ जिले के पिलखुवा इलाके में एक किराए के फ्लैट में चल रहा था। यहीं से यह गिरोह नकली नोट तैयार कर बाजार में खपाता था।
पुलिस का कहना है कि इस नेटवर्क का संचालन काफी सुनियोजित तरीके से किया जा रहा था ताकि कानून की नजरों से बचा जा सके।
Alibaba.com से मंगवाता था स्पेशल पेपर
इस रैकेट का एक अहम सदस्य विजय वीर चौधरी भी पुलिस की गिरफ्त में है, जो बुलंदशहर का रहने वाला है। विजय वीर चौधरी, नकली नोट छापने के लिए इस्तेमाल होने वाला खास पेपर Alibaba.com से मंगवाता था।
यह पेपर वॉटरमार्क और सिक्योरिटी थ्रेड के साथ आता था, जिससे नकली नोट दिखने में असली जैसे लगते थे और आम आदमी को फर्क समझना मुश्किल हो जाता था।
नकली नोट छापने की प्रक्रिया में शामिल थे:
- खास वॉटरमार्क पेपर का इस्तेमाल
- सिक्योरिटी थ्रेड वाले कागज का प्रयोग
- हूबहू असली नोट जैसे डिजाइन और साइज
एटीएस कर रही गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश
UPATS अब इस रैकेट से जुड़े अन्य लोगों की तलाश में जुट गई है। पुलिस का मानना है कि इस गिरोह के तार कई और शहरों से जुड़े हो सकते हैं। जांच एजेंसियों को उम्मीद है कि जल्द ही इस नेटवर्क के और चेहरे सामने आएंगे।
गिरोह के भंडाफोड़ का असर
- नकली नोटों की सप्लाई पर बड़ा असर
- बड़े बाजारों में नकली नोट खपाने की साजिश नाकाम
- आम जनता के साथ होने वाली ठगी में कमी आने की उम्मीद
निष्कर्ष
उत्तर प्रदेश में नकली नोटों का कारोबार किसी संगठित अपराध से कम नहीं है। एटीएस की इस कार्रवाई ने एक बड़े नेटवर्क को तोड़ा है, लेकिन अभी भी कई कड़ियां सामने आना बाकी हैं। लोगों को भी नकली नोटों को पहचानने और सतर्क रहने की जरूरत है ताकि वे इस तरह की धोखाधड़ी का शिकार न हों।