मध्यप्रदेश में अगस्त की शुरुआत सूखे के साथ हुई है। मौसम विभाग के अनुसार, राज्य के ज्यादातर हिस्सों में पिछले छह दिनों में पौन इंच (0.7 इंच) से भी कम बारिश हुई है। वहीं, तापमान लगातार बढ़ रहा है और कई शहरों में पारा 35 डिग्री के पार पहुंच चुका है। फिलहाल 10 अगस्त तक भारी बारिश की कोई संभावना नहीं है।
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क्यों नहीं हो रही बारिश?
सीनियर मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन के मुताबिक:
- वर्तमान में तीन मौसम सिस्टम सक्रिय हैं:
- एक मानसून ट्रफ
- एक अन्य ट्रफ
- एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन सिस्टम
- लेकिन इनका प्रदेश पर कोई असर नहीं दिख रहा है।
- इसी कारण भारी बारिश का दौर थमा हुआ है।
- 10 अगस्त तक मौसम शुष्क रहने की संभावना है, कहीं-कहीं हल्की बूंदाबांदी हो सकती है।
गर्मी का प्रकोप: तापमान 35 डिग्री तक
- खजुराहो (छतरपुर): तापमान 35°C
- भोपाल: अधिकतम तापमान 32.7°C
- ग्वालियर, रतलाम, दमोह, नौगांव, सिवनी, उमरिया, रीवा, सतना: 33°C या उससे अधिक
- नर्मदापुरम, जबलपुर, मंडला, सीधी, टीकमगढ़: 34°C के पार
केवल शिवपुरी में हल्की बारिश हुई।
1 जून से 6 अगस्त तक बारिश का हाल
अवधि | औसत बारिश |
---|---|
1 जून – 31 जुलाई | 28 इंच |
1 अगस्त – 6 अगस्त | केवल 0.7 इंच |
अभी तक राज्य में कुल बारिश का 77% हो चुका है।
अब तक औसत से 40% ज्यादा बारिश दर्ज हुई है।
दूसरे सप्ताह से बदलेंगे हालात
- अगस्त के दूसरे सप्ताह से अच्छी बारिश की शुरुआत होगी।
- उम्मीद है कि महीने के अंत तक बारिश का कोटा पूरा हो जाएगा।
- ग्वालियर समेत 9 जिलों में पहले ही कोटा पूरा हो चुका है।
- इंदौर और उज्जैन संभाग में स्थिति अभी भी कमजोर है।
पूर्वी बनाम पश्चिमी हिस्सों में बारिश का अंतर
- पूर्वी मध्यप्रदेश (जबलपुर, सागर, शहडोल, रीवा):
➤ औसत से 45% ज्यादा बारिश - पश्चिमी मध्यप्रदेश (भोपाल, इंदौर, उज्जैन, चंबल, ग्वालियर, नर्मदापुरम):
➤ औसत से 36% ज्यादा बारिश
जुलाई में आई थी बाढ़ की स्थिति
- जुलाई में जबलपुर, रीवा, शहडोल, और सागर संभाग में भारी बारिश और बाढ़ के हालात बने।
- रायसेन में बेतवा नदी उफान पर रही, जिससे खेत, मंदिर और पुल डूब गए।
- कई डैम ओवरफ्लो हो गए थे।
जिलेवार बारिश: कौन आगे, कौन पीछे?
- सबसे ज्यादा बारिश:
- गुना: 45.8 इंच
- निवाड़ी: 45.1 इंच
- मंडला, टीकमगढ़: 44 इंच
- अशोकनगर: 42 इंच के करीब
- सबसे कम बारिश:
- इंदौर संभाग पीछे चल रहा है।
अगस्त में सुधरेंगे हालात
फिलहाल मध्यप्रदेश में बारिश की कमी से मौसम शुष्क बना हुआ है, लेकिन अगस्त के दूसरे सप्ताह से अच्छी बारिश की उम्मीद है। इससे न केवल बारिश का औसत सुधरेगा, बल्कि किसानों और आमजन को भी राहत मिलेगी।