प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने दो दिवसीय दौरे पर मॉरीशस पहुंचे हैं, जहां वह देश के राष्ट्रीय दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। यह उनका पिछले दस वर्षों में दूसरा आधिकारिक दौरा है, जो भारत और मॉरीशस के बीच ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
मॉरीशस में पीएम मोदी का स्वागत
पीएम मोदी के मॉरीशस पहुंचने पर उनका भव्य स्वागत किया गया। मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने उन्हें रिसीव किया। भारतीय समुदाय के लोगों ने भी पारंपरिक अंदाज में उनका स्वागत किया।
राष्ट्रीय समारोह में होंगे शामिल
पीएम मोदी मॉरीशस के राष्ट्रीय दिवस समारोह (12 मार्च) में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लेंगे। यह दिन मॉरीशस के लिए ऐतिहासिक महत्व रखता है क्योंकि इसी दिन 1968 में देश को ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता मिली थी। इसके अलावा, 1992 में इसी दिन मॉरीशस को गणराज्य घोषित किया गया था।
द्विपक्षीय वार्ता और अहम समझौते
इस दौरे के दौरान पीएम मोदी और मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ के बीच द्विपक्षीय वार्ता होगी। दोनों देशों के बीच कई महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर होने की संभावना है, जिनमें शामिल हो सकते हैं:
- आर्थिक सहयोग – भारत, मॉरीशस में बुनियादी ढांचे और विकास परियोजनाओं में निवेश बढ़ा सकता है।
- सुरक्षा और रक्षा सहयोग – समुद्री सुरक्षा और रक्षा सहयोग पर चर्चा होगी।
- डिजिटल और तकनीकी क्षेत्र में भागीदारी – मॉरीशस में डिजिटल भारत मिशन के तहत तकनीकी सहायता प्रदान की जा सकती है।
- सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंधों को मजबूत करना – दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के उपाय किए जाएंगे।
भारत-मॉरीशस संबंध: ऐतिहासिक और सांस्कृतिक जुड़ाव
मॉरीशस और भारत के बीच ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंध काफी गहरे हैं। मॉरीशस की 60% से अधिक आबादी भारतीय मूल की है, जिनमें ज्यादातर बिहार और उत्तर प्रदेश से आए पूर्वजों के वंशज हैं। भारत लंबे समय से मॉरीशस के विकास में भागीदार रहा है और कई बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में सहयोग करता आया है।
पिछले 10 सालों में पीएम मोदी की दूसरी यात्रा
यह दौरा पीएम मोदी का पिछले एक दशक में दूसरा आधिकारिक दौरा है। इससे पहले उन्होंने 2015 में मॉरीशस की यात्रा की थी, जब उन्होंने वहां कई विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखी थी।
क्या होगा इस दौरे का असर?
भारत और मॉरीशस के बीच रणनीतिक और आर्थिक साझेदारी को नई ऊंचाइयां मिलेंगी।
हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की उपस्थिति और मजबूत होगी।
मॉरीशस में भारतीय निवेश को बढ़ावा मिलेगा।
दोनों देशों के बीच व्यापार और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा मिलेगा।