Mohit Jain
ग्वालियर में मेडिकल स्टूडेंट यशराज उइके (21) की मौत की जांच अब खुदकुशी की ओर बढ़ रही है। पहले इसे हादसे के रूप में देखा जा रहा था, लेकिन बुधवार को एएसपी विदिता डागर फोरेंसिक एक्सपर्ट अखिलेश भार्गव के साथ रविशंकर शुक्ल बॉयज हॉस्टल पहुंचीं और घटना स्थल का बारीकी से निरीक्षण किया।

हॉस्टल की तीसरी मंजिल से कूदने की आशंका
जांच में पाया गया कि हॉस्टल की तीसरी मंजिल की छत पर तीन फीट ऊंची दीवार है, जबकि यशराज की ऊंचाई साढ़े पांच फीट थी। दीवार पर डेढ़ फीट ऊंचाई पर लोहे का पानी का पाइप मौजूद था। आशंका है कि यशराज ने इस पाइप पर पैर रखकर दीवार पर चढ़कर कूदा।
पुलिस जल्द ही सीन रीक्रिएशन करेगी, जिसमें छात्र की ऊंचाई और वजन का पुतला बनाकर जांच की जाएगी कि यह हादसा था या जानबूझकर की गई खुदकुशी।
मोबाइल और सीडीआर जांच में रहस्य सुलझ सकता है
पुलिस ने छात्र का मोबाइल और सीडीआर (कॉल डिटेल रिकॉर्ड) कब्जे में लिया है। इसे खोलकर पुलिस यह पता लगाने का प्रयास कर रही है कि मौत के पीछे कोई रैगिंग, पारिवारिक क्लेश या लव अफेयर जैसी वजह तो नहीं थी।

एएसपी विदिता डागर का कहना है कि अब तक की जांच में मामला हादसे की तुलना में खुदकुशी अधिक संभावित लग रही है।
छात्र का परिचय और परिवार की प्रतिक्रिया
बैतूल के रानीपुर निवासी यशराज उइके ने इस साल नीट परीक्षा पास की थी और ग्वालियर के गजराराजा मेडिकल कॉलेज में दाखिला लिया था। वह MBBS फर्स्ट ईयर का छात्र था। दीपावली के बाद 27 अक्टूबर को ग्वालियर आया और हॉस्टल के फर्स्ट फ्लोर पर रूम न मिलने के कारण दूसरे छात्र के रूम में रह रहा था।
यशराज की मौत के बाद परिजन ग्वालियर पहुंचे और शव ले गए। उन्होंने आशंका जताई है कि उनके बेटे के साथ कोई गलत घटना हुई हो।





