मंदसौर जिले में पुलिस महकमे में बड़ा फेरबदल होने जा रहा है। भाजपा संगठन की शिकायतों और थानों में लंबे समय से जमे प्रभारियों के खराब प्रदर्शन को ध्यान में रखते हुए, कई थाना प्रभारियों को हटाया जाएगा। इस बदलाव की शुरुआत तीन प्रमुख विकासखंडों से होगी—गरोठ, सीतामऊ और मंदसौर।
क्यों हो रहा है यह बड़ा फेरबदल?
- भाजपा संगठन की शिकायतें: कई थाना प्रभारियों के खिलाफ कार्य में लापरवाही और जनप्रतिनिधियों से खराब समन्वय की शिकायतें मिली थीं।
- लंबे समय से एक ही थाने पर तैनाती: कुछ पुलिस अधिकारी एक ही थाने में वर्षों से जमे हुए हैं, जिससे कामकाज पर असर पड़ा है।
- कार्यप्रदर्शन की समीक्षा: जिन अधिकारियों का प्रदर्शन कमजोर पाया गया है, उन्हें हटाया जाएगा।
किन क्षेत्रों में हो सकती है सर्जरी?
सूत्रों के अनुसार, तीन विकासखंडों में प्रमुख फेरबदल की तैयारी है:
1. मंदसौर शहरी क्षेत्र
- नईआबादी थाना
- वायडीनगर थाना
2. मंदसौर ग्रामीण क्षेत्र
- भावगढ़
- नाहरगढ़
- अफजलपुर
3. सीतामऊ विकासखंड
- सीतामऊ
- सुवासरा
- शामगढ़
- भानपुरा
- गांधीसागर
इन क्षेत्रों के 14 थानों में बदलाव संभव है, जिनमें थानाप्रभारी, उपनिरीक्षक, एएसआई, प्रधान आरक्षक और आरक्षक शामिल हो सकते हैं।
कौन-कौन हो सकते हैं प्रभावित?
- कमजोर प्रदर्शन वाले अधिकारी: जिनके कार्य से स्थानीय नेता और जनता संतुष्ट नहीं हैं।
- लंबे समय से तैनात अधिकारी: एक ही स्थान पर वर्षों से जमे अधिकारियों की बदली तय मानी जा रही है।
- प्रशंसनीय कार्य करने वाले अधिकारी: कुछ थाना प्रभारियों को अच्छे कार्य के लिए प्रमोशन स्वरूप नए थानों की जिम्मेदारी दी जा सकती है।
क्या बोले जिले के बड़े अधिकारी?
भाजपा जिलाध्यक्ष राजेश दीक्षित ने कहा:
“स्थानांतरण प्रक्रिया नीति अनुसार चल रही है। जिन अधिकारियों के खिलाफ शिकायतें हैं, उनके स्थानांतरण तय हैं।”
एसपी अभिषेक आनंद ने पुष्टि की:
“जल्द ही जिले में थानाप्रभारियों के तबादले किए जाएंगे। प्रदर्शन और नीति के अनुसार स्थानांतरण होंगे।”
क्या अन्य विभाग भी प्रभावित होंगे?
हां, सिर्फ पुलिस विभाग ही नहीं, राजस्व विभाग और जिला पंचायत में भी बड़े स्तर पर बदलाव की संभावना है। उच्च स्तर पर सूची तैयार हो चुकी है और अनुमोदन की प्रक्रिया अंतिम दौर में है।
निष्कर्ष
मंदसौर जिले में थानाप्रभारियों का यह फेरबदल प्रशासनिक पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। इससे न केवल थानों की कार्यप्रणाली में सुधार की उम्मीद है, बल्कि जनता और जनप्रतिनिधियों के बीच विश्वास भी मजबूत होगा।