रिपोर्टर: उमेश डहरिया
कोरबा – जिले में टीबी रोग के खिलाफ लड़ाई को नई दिशा देने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने एक अहम कदम उठाया है। अब कोरबा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मल्टी ड्रग्स रेजिस्टेंट टीबी (MDR-TB) के मरीजों को नई दवा के माध्यम से इलाज की सुविधा मिलेगी, जिससे रोगियों को सिर्फ 6 महीनों में इलाज पूरा हो सकेगा।
पहले MDR-TB का इलाज कराने में मरीजों को 1 से 1.5 साल तक का समय लगता था, जिससे न केवल मरीजों को शारीरिक परेशानी होती थी, बल्कि सामाजिक और आर्थिक रूप से भी उन्हें नुकसान उठाना पड़ता था।
कोरबा मेडिकल कॉलेज में शुरू हुई सुविधा
अब इस नई दवा की उपलब्धता के बाद कोरबा जिले के मरीजों को इलाज के लिए बिलासपुर या रायपुर जैसे बड़े शहरों की ओर रुख नहीं करना पड़ेगा। कोरबा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में यह सुविधा शुरू होने से स्थानीय स्तर पर ही बेहतर उपचार संभव हो सकेगा।
स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, इलाज की कम अवधि और नई दवा के कारण मरीजों की जीवन की गुणवत्ता में सुधार होगा और उन्हें लंबे समय तक बीमारी से जूझना नहीं पड़ेगा।
2025 तक देश को टीबी मुक्त बनाने का लक्ष्य
केंद्र सरकार ने वर्ष 2025 तक भारत को टीबी मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा है। स्वास्थ्य विभाग का मानना है कि इस नई दवा की शुरुआत से इस मिशन को तेजी से आगे बढ़ाया जा सकेगा।
जिले में बढ़ रही है टीबी के मरीजों की संख्या
हालांकि कोरबा जिले में टीबी के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने जांच और उपचार को लेकर स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारी तय कर दी है। विभाग गांव-गांव जाकर संभावित मरीजों की पहचान और समय पर इलाज सुनिश्चित कर रहा है।