कोरबा जिले के कुसमुंडा मार्ग पर जलभराव की समस्या ने स्थानीय नागरिकों और राहगीरों के लिए गंभीर परेशानियाँ खड़ी कर दी हैं। पहली बारिश में ही सड़क पर जगह-जगह पानी भर गया, जिससे सड़क निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल उठने लगे हैं। इमली छापर चौक जैसे स्थानों पर जलभराव की स्थिति पहले से ही ज्ञात थी, लेकिन संबंधित विभागों की अनदेखी के कारण हालात और भी खराब हो गए हैं।
जलभराव की गंभीर समस्या
कुसमुंडा मार्ग पर जलभराव की समस्या कोई नई नहीं है। पहली बारिश में ही सड़क पर पानी भर गया, जिससे राहगीरों को आवागमन में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। सड़क पर जलभराव से दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ गया है और क्षेत्र की स्वच्छता और स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ा है।
सड़क निर्माण में गुणवत्ता की कमी
सामाजिक कार्यकर्ता विनोद सिन्हा ने आरोप लगाया है कि कुसमुंडा सड़क का निर्माण कार्य पिछले चार वर्षों से अधूरा पड़ा है और जो कार्य हुआ है, उसकी गुणवत्ता पर सवाल उठते हैं। ब्रह्मपुर से इमली छापर के बीच सड़क पर दरारें देखी जा सकती हैं, जो निर्माण की गुणवत्ता पर गंभीर प्रश्न उठाती हैं। सिन्हा ने मांग की है कि सड़क निर्माण की गुणवत्ता की जांच के लिए एक स्वतंत्र कमेटी गठित की जाए, ताकि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई हो सके।
प्रशासन की भूमिका और मुख्यमंत्री की चेतावनी
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कोरबा जिले के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक में सड़क निर्माण में हो रही देरी पर नाराज़गी जताई है। उन्होंने स्पष्ट किया कि जनहित के कार्यों में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
समाधान की आवश्यकता
इस समस्या का समाधान करने के लिए प्रशासन और संबंधित विभागों को तत्काल कदम उठाने की आवश्यकता है। निम्नलिखित उपायों पर विचार किया जा सकता है:
- जल निकासी की उचित व्यवस्था: सड़क पर जलभराव की समस्या को दूर करने के लिए प्रभावी जल निकासी प्रणाली की स्थापना आवश्यक है।
- सड़क निर्माण की गुणवत्ता की जांच: निर्माण कार्य की गुणवत्ता की जांच के लिए स्वतंत्र कमेटी का गठन किया जाए, ताकि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके।
- स्थानीय जनप्रतिनिधियों की सक्रियता: स्थानीय जनप्रतिनिधियों को इस मुद्दे पर सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए और जनता की समस्याओं को प्राथमिकता देनी चाहिए।
- जनता की भागीदारी: स्थानीय नागरिकों को भी इस समस्या के समाधान में भागीदारी करनी चाहिए और संबंधित अधिकारियों को समय-समय पर सूचित करना चाहिए।