पुणे हवाई अड्डे पर हाल ही में एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है, जहां सीमा शुल्क अधिकारियों ने तीन छात्रों से 4,00,100 अमेरिकी डॉलर (लगभग 3.47 करोड़ रुपये) बरामद किए। ये छात्र दुबई से लौट रहे थे और उनके सूटकेस में यह राशि किताबों और नोटबुक के पन्नों में छिपाई गई थी। इस मामले ने हवाला के संदेह को जन्म दिया है, जिसके चलते Khushboo Agarwal और एक अन्य व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया।

घटना का ब्यौरा
दुबई यात्रा और सूटकेस की कहानी
तीन छात्र 16 फरवरी को इंडिगो की उड़ान से पुणे से दुबई गए थे। उनकी यह सात दिन की यात्रा Khushboo Agarwal एक ट्रैवल एजेंट, द्वारा आयोजित की गई थी। एक अधिकारी के अनुसार, उड़ान से पहले Khushboo Agarwal ने छात्रों को दो सूटकेस सौंपे और कहा कि इनमें उनके जरूरी कागजात हैं। छात्रों को इन्हें हवाई अड्डे पर किसी व्यक्ति को देने को कहा गया। भरोसे में आकर छात्रों ने यह काम स्वीकार कर लिया।
सीमा शुल्क की चौकसी
सीमा शुल्क विभाग को अपने सूत्रों से इस यात्रा की भनक लगी थी। इसके बाद, विभाग ने दुबई के अधिकारियों से संपर्क किया। दुबई हवाई अड्डे पर छात्रों को रोक लिया गया और उन्हें बाहर जाने की अनुमति नहीं दी गई। अगले दिन, 17 फरवरी को, उन्हें स्पाइसजेट की उड़ान से पुणे लौटाया गया। जांच में सूटकेस से किताबें और नोटबुक मिले, जिनके पन्नों के बीच 100 डॉलर के नोट छिपे थे।
जांच और गिरफ्तारी
छात्रों का बयान और Khushboo Agarwal की भूमिका
छात्रों से पूछताछ में Khushboo Agarwal का नाम उजागर हुआ। पुणे हवाई अड्डे की वायु खुफिया इकाई ने Khushboo Agarwal Pune को हिरासत में लिया। सीमा शुल्क अधिनियम के तहत उनका बयान दर्ज किया गया, जिसमें उन्होंने विदेशी मुद्रा की जिम्मेदारी स्वीकारी। जांच के आधार पर मुंबई में एक विदेशी मुद्रा फर्म पर छापेमारी हुई, जहां से आपूर्तिकर्ता मोहम्मद आमिर पकड़ा गया। वहां से लगभग 45 लाख रुपये मूल्य की विभिन्न देशों की मुद्रा भी जब्त की गई।
तलाशी अभियान और कानूनी कदम
इसके बाद पुणे, अहमदाबाद और मुंबई में 10 ठिकानों पर तलाशी ली गई। Khushboo Agarwal और मोहम्मद आमिर को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया गया, जहां उन्हें 6 दिन की सीमा शुल्क हिरासत में भेजा गया। 24 फरवरी को दोनों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया और अब वे यरवदा केंद्रीय जेल में हैं। जांच अभी जारी है।
हवाला की आशंका
अधिकारियों का मानना है कि यह मामला हवाला से जुड़ा हो सकता है। ऐसी गतिविधियों में विदेशी मुद्रा को अवैध रूप से स्थानांतरित किया जाता है। छात्रों को अनजाने में इस योजना का हिस्सा बनाया गया, जिसके पीछे एक सोची-समझी साजिश की संभावना है।
यह घटना सीमा शुल्क विभाग की सजगता को तो उजागर करती ही है, साथ ही यह भी चेतावनी देती है कि युवाओं को बिना जानकारी के आपराधिक गतिविधियों में फंसाया जा सकता है। Khushboo Agarwal और उनके साथी की गिरफ्तारी के बाद जांच से इस नेटवर्क के और रहस्य खुलने की उम्मीद है।