कालिंदी एक्सप्रेस को लेकर बड़ी साजिश का खुलासा हुआ है। उत्तर प्रदेश के कानपुर में मुंडेरी क्रॉसिंग के पास रेलवे ट्रैक के बीचों-बीच गैस सिलेंडर रखा हुआ था, जिसकी टक्कर सामने से आ रही ट्रेन कालिंदी एक्सप्रेस से हो गई। इस मामले में एटीएस के आईजी नीलाब्जा चौधरी ने अपनी विशेषज्ञों की टीम के साथ मौके पर पहुंचकर जांच पड़ताल की। मौके पर मौजूद मिले एडीसीपी विजेंद्र द्विवेदी और सहायक पुलिस आयुक्त अजय त्रिवेदी से मामले के अन्य पहलुओं पर जांच के आदेश दिए।
एटीएस के आईजी नीलाब्जा चौधरी ने घटना की जानकारी देते हुए बताया कि मौके पर रविवार रात एक गैस सिलिंडर सहित, एक कांच की बोतल जिसमें पेट्रोलियम भरा पाया गया है, पास ही मिले एक थैले में भी कई ज्वलनशील पदार्थ मिले हैं। फोरेंसिक टीम भी पूरे मामले की जांच कर रही है। कई पहलुओं को ध्यान में रखते हुए जांच की जा रही है। दूसरी तरफ सहायक पुलिस आयुक्त अजय कुमार ने बताया कि 12 से अधिक संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है। साथ ही सीसीटीवी कैमरों से भी जांच पड़ताल की जा रही है।
बता दें ट्रेन से टक्कर के बाद गैस सिलेंडर काफी दूर जाकर गिरा था। गनीमत रही कि इस पूरी घटना में कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ। घटना सामने आने के बाद हड़कंप मच गया। अब इस पूरे मामले पर सवाल उठ रहा है कि क्या ट्रेन को उड़ाने या पलटाने की साजिश थी?
कब की है ये घटना?
आपको बता दें कि कानपुर सेंट्रल से करीब 30 किलोमीटर दूर शिवराजपुर इलाके के रेलवे ट्रैक पर कालिंदी एक्सप्रेस ट्रेन प्रयागराज से भिवानी जा रही थी। इसी दौरान रात 8.30 बजे लोको पायलट को ट्रैक पर एलपीजी सिलेंडर दिखा। खतरे को देखते हुए लोको पायलट ने इमरजेंसी ब्रेक लगाए और तभी ट्रेन सिलेंडर से टकराकर दूसरी तरफ जा गिरी।