इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने भारत-अमेरिका टैरिफ विवाद को जल्द सुलझाने की जरूरत पर जोर दिया है। उनका कहना है कि यह कदम न केवल दोनों देशों बल्कि वैश्विक अर्थव्यवस्था और रणनीतिक साझेदारी के लिए भी फायदेमंद होगा।
यह बयान उन्होंने गुरुवार को यरुशलम में भारत के राजदूत जेपी सिंह से हुई अहम बैठक के दौरान दिया। इस मुलाकात में दोनों नेताओं ने सुरक्षा और आर्थिक क्षेत्रों में सहयोग को और मजबूत बनाने पर चर्चा की।
नेतन्याहू ने जताई भारत आने की इच्छा
प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने भारत को “महान लोकतंत्र” बताते हुए कहा कि दोनों देशों के संबंध ऐतिहासिक और सामरिक दृष्टि से बेहद मजबूत हैं।
उन्होंने कहा:
“मैं जल्द ही भारत आना चाहता हूं। हमारे बीच मजबूत साझेदारी है, जिसे और आगे बढ़ाना समय की जरूरत है।”
बैठक में हुई ये अहम चर्चाएं
बैठक यरुशलम स्थित प्रधानमंत्री कार्यालय में हुई, जहां दोनों नेताओं के बीच कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई, जिनमें शामिल हैं:
- सुरक्षा और रक्षा तकनीक में सहयोग बढ़ाना
- आर्थिक और व्यापारिक साझेदारी को मजबूत करना
- साइबर सुरक्षा, कृषि और जल प्रबंधन में नए अवसर तलाशना
- स्टार्टअप और नवाचार को प्रोत्साहित करना
भारत-इजरायल संबंध क्यों हैं खास?
भारत और इजरायल के रिश्ते सिर्फ व्यापार तक सीमित नहीं हैं, बल्कि ये रणनीतिक और तकनीकी साझेदारी में भी अहम भूमिका निभाते हैं।
- सुरक्षा: रक्षा तकनीक और खुफिया सहयोग
- कृषि: उन्नत सिंचाई और फसल उत्पादन तकनीक
- नवाचार: स्टार्टअप और टेक्नोलॉजी में साझेदारी
नेतन्याहू का यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारत और अमेरिका के बीच टैरिफ को लेकर मतभेद बने हुए हैं। उनका मानना है कि इस विवाद का समाधान न केवल दोनों देशों बल्कि पूरी दुनिया के लिए लाभकारी होगा। साथ ही, उनकी भारत यात्रा की इच्छा इस बात का संकेत है कि आने वाले समय में भारत-इजरायल संबंध नए आयाम छू सकते हैं।





