BY: Yoganand Shrivastva
इंदौर से उज्जैन के बीच मेट्रो सेवा को शुरू करने की दिशा में काम तेजी से आगे बढ़ रहा है। मध्यप्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन इस परियोजना के तहत मेट्रो डिपो निर्माण के लिए करीब 20 हेक्टेयर (लगभग 49.7 एकड़) जमीन तलाश रहा है। फिलहाल इंदौर और उज्जैन के नजदीक इतनी बड़ी सरकारी जमीन आसानी से उपलब्ध नहीं हो पा रही है, इसलिए रेवती (सांवेर) क्षेत्र में जमीन के लिए प्रस्ताव भेजा गया है।
सरकारी जमीन प्राथमिकता में
कॉर्पोरेशन के अधिकारियों के अनुसार, सरकारी भूमि मिलने की संभावना अधिक है क्योंकि इसे विभागीय प्रक्रियाओं के माध्यम से स्थानांतरित किया जा सकता है। दूसरी ओर, निजी जमीन खरीदने में न केवल अधिक समय लगेगा, बल्कि मुआवजा प्रक्रिया और किसानों से सहमति जैसी जटिलताएं भी सामने आएंगी। यही कारण है कि प्राथमिकता सरकारी भूमि को दी जा रही है, हालांकि निजी भूमि के विकल्प भी देखे जा रहे हैं।
मेट्रो का रूट: एलिवेटेड और अंडरग्राउंड दोनों
इस परियोजना के लिए तैयार किए जा रहे प्रारंभिक प्लान के अनुसार, इंदौर-उज्जैन रोड पर मेट्रो को एलिवेटेड मोड में संचालित किया जाएगा। इसके लिए सड़कों के बीच मौजूद डिवाइडर पर पिलर लगाए जाएंगे। वहीं उज्जैन के नानाखेड़ा से रेलवे स्टेशन तक मेट्रो का सफर भूमिगत (अंडरग्राउंड) रहेगा। एलिवेटेड और अंडरग्राउंड हिस्सों की लंबाई और स्थानों का निर्धारण डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) के पूरा होने के बाद किया जाएगा।
DPR का निर्माण दिल्ली मेट्रो के विशेषज्ञ कर रहे
इंदौर-उज्जैन मेट्रो परियोजना की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) के विशेषज्ञ तैयार कर रहे हैं। यह रिपोर्ट जुलाई या अगस्त तक पूरी हो जाने की उम्मीद है। रिपोर्ट में प्रोजेक्ट की लागत, फंडिंग की योजना, रूट अलाइनमेंट, स्टेशन की स्थिति, अंडरग्राउंड और एलिवेटेड खंड, और डिपो के स्थान सहित सभी जरूरी पहलुओं का समावेश होगा। प्रारंभिक अनुमान के अनुसार इस प्रोजेक्ट पर लगभग 10,000 करोड़ रुपये की लागत आएगी।
हाइब्रिड मोड में चलेगी मेट्रो, रफ्तार होगी 135 किमी/घंटा
इस परियोजना में मेट्रो का संचालन हाइब्रिड मोड में किया जाएगा, जैसे कि दिल्ली एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन में होता है। मेट्रो की गति लगभग 135 किलोमीटर प्रति घंटा होगी, जिससे इंदौर और उज्जैन के बीच यात्रा काफी कम समय में पूरी की जा सकेगी। हालांकि, सिंहस्थ से पहले इस परियोजना को पूरा करना संभव नहीं माना जा रहा है, मुख्य वजह है भारी बजट और कार्य अवधि।
इंदौर-उज्जैन के बीच 8 स्टेशन होंगे
47 किलोमीटर लंबे इस रूट पर कुल आठ मेट्रो स्टेशन बनाए जाएंगे। पहला स्टेशन इंदौर के लवकुश चौराहे पर और अंतिम स्टेशन उज्जैन के महाकाल लोक के सामने प्रस्तावित है। लगभग 70 फीसदी ट्रैक सड़क की मध्य रेखा के अनुसार बनेगा, जिससे निर्माण के दौरान सड़क यातायात को न्यूनतम प्रभावित किया जा सके।