इंदौर में शनिवार को “नो हेलमेट, नो पेट्रोल” अभियान का दूसरा दिन भी विवादों से भरा रहा। प्रशासन की सख्ती से जहां सड़क पर यातायात अनुशासन बढ़ाने की कोशिश हो रही है, वहीं कुछ लोग इसका विरोध करते नजर आए। छोटा बांगड़दा के एक पेट्रोल पंप पर तो हालात इतने बिगड़ गए कि युवकों ने चाकू निकालकर स्टाफ को धमकाया और हंगामा खड़ा कर दिया।
छोटा बांगड़दा पेट्रोल पंप पर हंगामा
- यह घटना शुक्ला ब्रदर्स पेट्रोल पंप पर हुई, जो सुबोध, मनोज और आशुतोष शुक्ला के परिवार द्वारा संचालित है।
- शनिवार को दो युवक बिना हेलमेट पेट्रोल लेने पहुंचे।
- स्टाफ ने नियम का हवाला देकर पेट्रोल देने से मना कर दिया।
- नाराज युवकों ने गाली-गलौज की, हाथापाई की और चाकू निकालकर स्टाफ को धमकाया।
- एक युवक ने जलती हुई माचिस की तीली पेट्रोल टंकी के पास फेंकी और पंप को आग लगाने की कोशिश की।
- घटना के बाद दोनों आरोपी मौके से फरार हो गए।
केस दर्ज, आरोपियों की तलाश
एरोड्रम थाने में शिकायत दर्ज होने के बाद पुलिस ने मामला गंभीरता से लिया।
- शिकायतकर्ता: वीरेंद्र धौलपुरिया, निवासी इंदौर
- धाराएँ: बीएनएस धारा 296, 115 (2), 119 (1) और 3(5)
- पुलिस ने दोनों आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है।
प्रशासन की सख्ती: नो हेलमेट, नो एंट्री
इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह ने इस अभियान को और सख्त बनाते हुए आदेश जारी किया है कि:
- जिले के सभी सरकारी कार्यालयों में आने वाले कर्मचारी और अधिकारी हेलमेट पहनकर ही प्रवेश करेंगे।
- दोपहिया वाहन से आने वाले कर्मचारियों को बिना हेलमेट कार्यालय में प्रवेश नहीं मिलेगा।
- विभिन्न कर्मचारी संगठनों ने भी कलेक्टर की इस मुहिम का समर्थन किया है।
जनता और संगठनों का समर्थन
कई कर्मचारी संगठनों ने कलेक्टर से मुलाकात कर इस अभियान को सफल बनाने का आश्वासन दिया। उनका मानना है कि यह कदम न सिर्फ यातायात अनुशासन को मजबूती देगा बल्कि सड़क हादसों को भी कम करेगा।
इंदौर में “नो हेलमेट, नो पेट्रोल” अभियान अब पूरी सख्ती के साथ लागू किया जा रहा है। हालांकि, विरोध की घटनाएं सामने आ रही हैं, लेकिन प्रशासन और पुलिस ने साफ कर दिया है कि नियम तोड़ने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।