अमेरिका के नेवार्क लिबर्टी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर एक भारतीय छात्र के साथ हुए दुर्व्यवहार का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में छात्र को हथकड़ी में जकड़कर जमीन पर लेटा हुआ दिखाया गया है, जिससे लोगों में भारी आक्रोश है।
वीडियो में दिखा अमानवीय बर्ताव
वायरल वीडियो में कम से कम चार अमेरिकी अधिकारी भारतीय छात्र को जमीन पर दबोचे हुए नजर आते हैं। दो अधिकारियों के घुटने छात्र की पीठ पर हैं, जबकि उसके हाथ और पैरों को बांध दिया गया है। छात्र दर्द से कराहता और रोता दिख रहा है।
प्रत्यक्षदर्शी ने बताया पूरी घटना
भारतीय-अमेरिकी सामाजिक उद्यमी कुणाल जैन ने इस पूरी घटना का वीडियो रिकॉर्ड कर सोशल मीडिया पर साझा किया। उन्होंने बताया कि छात्र हरियाणवी भाषा में बात कर रहा था, जिसे अधिकारी समझ नहीं पा रहे थे।
“मैंने अधिकारियों से अनुरोध किया कि क्या मैं उसकी बात समझाने में मदद कर सकता हूं, लेकिन उन्होंने मुझे इजाज़त नहीं दी,” – कुणाल जैन
दूतावास ने दी प्रतिक्रिया, स्थानीय अधिकारियों से संपर्क में
भारतीय छात्र के साथ हुई इस घटना के बाद, भारतीय महावाणिज्य दूतावास ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर बयान जारी किया।
दूतावास ने कहा:
- उन्हें सोशल मीडिया के जरिए इस घटना की जानकारी मिली।
- वह स्थानीय अधिकारियों के संपर्क में हैं।
- भारतीय नागरिकों की सुरक्षा और सहायता के लिए प्रतिबद्ध हैं।
उड़ान में नहीं चढ़ने दिया गया छात्र
कुणाल जैन के अनुसार, पीड़ित छात्र उनके साथ उसी विमान में यात्रा करने वाला था, लेकिन उसे बोर्डिंग से रोक दिया गया।
उन्होंने कहा:
“उसके माता-पिता को शायद यह भी नहीं पता होगा कि उनके बेटे के साथ क्या हो रहा है। वह घबराया हुआ और असहाय लग रहा था।”
उन्होंने इस मुद्दे को उजागर करने के लिए भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर और अमेरिका में भारतीय दूतावास को टैग भी किया।
सोशल मीडिया पर उठी जवाबदेही की मांग
यह वीडियो सामने आने के बाद दुनियाभर में भारतीय समुदाय के लोग सोशल मीडिया पर इस घटना की आलोचना कर रहे हैं। कई यूजर्स ने अमेरिकी अधिकारियों के रवैये को “अनुचित” और “अमानवीय” बताया है।
क्या था छात्र का अपराध?
अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर छात्र के साथ ऐसा बर्ताव क्यों किया गया?
क्या वह किसी गंभीर नियम का उल्लंघन कर रहा था, या यह केवल भाषा न समझ पाने का परिणाम था?
इस सवाल का जवाब अभी स्पष्ट नहीं है, लेकिन भारतीय दूतावास की कार्रवाई और सोशल मीडिया का दबाव शायद जल्द ही सच्चाई सामने लाए।