अमेरिका की बार-बार चेतावनियों और प्रतिबंधों की धमकी के बावजूद एक भारतीय कंपनी ने रूस को सैन्य उपयोग के लिए 14 लाख डॉलर के HMX विस्फोटक भेजे। यह कदम उस समय उठाया गया जब रूस यूक्रेन के साथ युद्ध में शामिल है और पश्चिमी देश उसकी सैन्य आपूर्ति को रोकने की कोशिश कर रहे हैं।
क्या है पूरा मामला?
- कंपनी का नाम: Ideal Detonators Pvt. Ltd. (तेलंगाना स्थित)
- विस्फोटक: HMX (हाई मेल्टिंग एक्सप्लोसिव), जो रॉकेट, मिसाइल और टारपीडो जैसे हथियारों में उपयोग होता है
- कुल मूल्य: करीब 14 लाख डॉलर
- गंतव्य: सेंट पीटर्सबर्ग, रूस
भारतीय सीमा शुल्क के रिकॉर्ड के अनुसार, ये शिपमेंट दिसंबर 2024 में भेजे गए थे और सेंट पीटर्सबर्ग में उतरने की पुष्टि एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने की है।
किसने खरीदे ये विस्फोटक?
- पहली खेप:
- खरीदार: High Technology Initiation Systems (रूसी कंपनी)
- मूल्य: लगभग 10 लाख डॉलर
- दूसरी खेप:
- खरीदार: Promsintezh
- मूल्य: 10 लाख डॉलर से अधिक
- स्थान: समारा ओब्लास्ट, कजाकिस्तान की सीमा के पास
यूक्रेन की सुरक्षा एजेंसी SBU का दावा है कि Promsintezh सीधे रूसी सेना से जुड़ी हुई है।
अमेरिका क्यों है नाराज़?
- अमेरिकी सरकार का कहना है कि HMX जैसे विस्फोटक रूस के युद्ध प्रयासों के लिए “क्रिटिकल मटेरियल्स” में गिने जाते हैं।
- एक रिपोर्ट के अनुसार, HMX का उपयोग मिसाइलों, वॉरहेड्स और एडवांस मिलिट्री सिस्टम्स में होता है।
- अमेरिकी विदेश विभाग ने बार-बार भारत को चेताया है कि रूस के सैन्य उद्योग से व्यापार करने पर कड़े प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं।
ट्रंप की चेतावनी और भारत की प्रतिक्रिया
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यहां तक धमकी दी थी कि जो देश रूस से कच्चा तेल या सैन्य सामग्री खरीदेगा, उस पर 100% टैरिफ लगाया जाएगा। बावजूद इसके, भारत ने रूस से अपने तेल और रक्षा व्यापार को जारी रखा।
भारत सरकार ने सफाई देते हुए कहा:
“भारत परमाणु अप्रसार नियमों और अंतरराष्ट्रीय दायित्वों को ध्यान में रखते हुए दोहरे उपयोग वाली वस्तुओं का निर्यात करता है। यह पूरा प्रोसेस एक मजबूत कानूनी और नियामक ढांचे के तहत होता है।”
- अमेरिका और उसके सहयोगी देशों की रूस के खिलाफ सख्त नीति के बावजूद, भारत ने अपने रणनीतिक साझेदार रूस के साथ व्यापारिक संबंध बनाए रखे हैं।
- यह मामला अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की स्वतंत्र विदेश नीति और रणनीतिक संतुलन को दर्शाता है, जो उसकी वैश्विक भूमिका को और मजबूत करता है।





