भारत सरकार आने वाले वर्षों में वायुसेना और नौसेना की ताकत को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की तैयारी में है। इसके तहत दो बड़े रक्षा सौदों को मंजूरी दी गई है।
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- पहला सौदा: जर्मनी से 6 एडवांस्ड पनडुब्बियां खरीदने का है, जिसकी कीमत करीब ₹70 हजार करोड़ होगी।
- दूसरा सौदा: इजराइल से रैम्पेज एयर-टू-ग्राउंड मिसाइलों की खरीद का है, जिसे फास्ट-ट्रैक प्रक्रिया में पूरा किया जाएगा।
जर्मनी से 6 नई पनडुब्बियां
‘प्रोजेक्ट 75 इंडिया’ के तहत डील
- रक्षा मंत्रालय ने मझगांव डॉकयार्ड लिमिटेड (MDL) को साझेदार बनाकर जर्मन कंपनी थिसेनक्रुप मरीन सिस्टम्स से समझौता करने की मंजूरी दी है।
- यह पनडुब्बियां एयर इंडिपेंडेंट प्रोपल्शन (AIP) सिस्टम से लैस होंगी।
- कॉन्ट्रैक्ट पर चर्चा अगले 6 महीनों में पूरी होने की उम्मीद है।
AIP सिस्टम क्यों है खास?
परंपरागत डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बियों को कुछ दिनों बाद सतह पर आना पड़ता है, जिससे वे दुश्मन के रडार की पकड़ में आ सकती हैं।
- AIP तकनीक पनडुब्बी को लगातार 3 हफ्ते तक पानी के भीतर रहने की क्षमता देती है।
- भारत की मौजूदा स्कॉर्पीन क्लास (कलवरी क्लास) पनडुब्बियों को भी DRDO AIP सिस्टम से लैस करेगा।
AIP तकनीक के प्रकार
- स्टर्लिंग इंजन (स्वीडन, जापान): ऑक्सीजन और ईंधन जलाकर ऊर्जा उत्पादन।
- फ्यूल सेल AIP (भारत, जर्मनी): हाइड्रोजन-ऑक्सीजन से बिजली उत्पादन, बेहद शांत और सुरक्षित।
- क्लोज्ड साइकल डीजल इंजन (फ्रांस): लिक्विड ऑक्सीजन से चलने वाला इंजन।
नौसेना की भविष्य की तैयारी
- भारतीय नौसेना अगले 10 वर्षों में 10 पुरानी पनडुब्बियों को रिप्लेस करने की योजना बना रही है।
- सरकार परमाणु और पारंपरिक, दोनों प्रकार की पनडुब्बी परियोजनाओं को तेज कर रही है।
- लार्सन एंड टुब्रो जैसी भारतीय कंपनियां न्यूक्लियर अटैक सबमरीन निर्माण में भी अहम भूमिका निभाएंगी।
इजराइल से रैम्पेज मिसाइल डील
ऑपरेशन सिंदूर से बढ़ा महत्व
- पाकिस्तान के मुरीदके और बहावलपुर स्थित आतंकी ठिकानों पर सफल हमलों के बाद रैम्पेज मिसाइलों की मांग बढ़ी है।
- भारतीय वायुसेना इन मिसाइलों को सभी फ्लीट और प्लेटफॉर्म्स पर लगाने की योजना बना रही है।
रैम्पेज मिसाइल की खूबियां
- रेंज: 150 से 250 किमी तक
- स्पीड: सुपरसोनिक (मैक 2–3), इंटरसेप्ट करना बेहद मुश्किल
- वजन: 570 किलोग्राम, लंबाई 4.7 मीटर – हल्की और कॉम्पैक्ट डिजाइन
- लॉन्च प्लेटफॉर्म: एफ-15, एफ-16, एफ-35 और भारत के सुखोई-30MKI जैसे जेट्स से छोड़ी जा सकती है।
- टारगेट क्षमता: दुश्मन के एयरबेस, हथियार डिपो, रडार स्टेशन और कमांड सेंटर को नष्ट कर सकती है।
भारत की यह रणनीतिक तैयारी आने वाले समय में उसकी रक्षा क्षमता और आत्मनिर्भरता को मजबूत करेगी। जर्मनी से मिलने वाली नई AIP सबमरीन और इजराइल की रैम्पेज मिसाइलें वायुसेना और नौसेना दोनों को निर्णायक बढ़त देंगी।





