Mohit Jain
भारत और चीन की सेनाओं के बीच कोर कमांडर स्तर की 23वीं वार्ता हुई, जिसमें पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर शांति और स्थिरता बनाए रखने पर चर्चा हुई। यह बैठक 25 अक्टूबर को मोल्दो-चुशुल सीमा बिंदु पर भारतीय क्षेत्र में आयोजित की गई थी।
चीनी रक्षा मंत्रालय का बयान

चीन के रक्षा मंत्रालय ने बताया कि दोनों पक्षों ने सीमा प्रबंधन और तनाव कम करने के उपायों पर सक्रिय और गहन बातचीत की। मंत्रालय के अनुसार, वार्ता में इस बात पर सहमति बनी कि दोनों देश अपने नेताओं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के मार्गदर्शन में संवाद और सैन्य संचार जारी रखेंगे।
भारत की ओर से आधिकारिक बयान का इंतजार
हालांकि, भारतीय रक्षा मंत्रालय की ओर से अब तक इस बैठक पर कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं दी गई है। लेकिन चीन का कहना है कि दोनों देश राजनयिक और सैन्य माध्यमों से संपर्क बनाए रखने और एलएसी पर स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

गलवान के बाद संबंधों में धीरे-धीरे सुधार
2020 में गलवां घाटी में हुई झड़प के बाद से भारत-चीन संबंधों में काफी तनाव रहा। हालांकि, 2024 में कजान में हुए ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान मोदी-जिनपिंग मुलाकात के बाद रिश्तों में सुधार की प्रक्रिया शुरू हुई। अगस्त 2025 में दोनों देशों ने सीमा मामलों पर परामर्श और समन्वय तंत्र (WMCC) के तहत एक कार्य समूह (Working Group) गठित करने पर सहमति भी जताई थी।
सीमाई क्षेत्रों में शांति और स्थिरता
इस वार्ता का मुख्य लक्ष्य सीमा पर तनाव कम करना, भविष्य की झड़पों को रोकना और आपसी विश्वास बहाल करना बताया गया। दोनों देशों ने कहा कि वे सीमा प्रबंधन के मौजूदा तंत्र का उपयोग कर शांति और स्थिरता बनाए रखने की दिशा में मिलकर काम करेंगे।





