श्रम विभाग में की शिकायत
📰 मामला गरमाया: आलोचना के लिए रखा गया युवक अब मांग रहा है वेतन
छत्तीसगढ़ के भिलाई शहर के वैशालीनगर क्षेत्र में एक अनोखा मामला सामने आया है जिसने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। वैशालीनगर के विधायक रिकेश सेन पर एक युवक ने आरोप लगाया है कि उन्होंने सोशल मीडिया पर उनकी आलोचना करने के लिए उसे नियुक्त किया था—मासिक वेतन पर!
📌 मामला क्या है?
वैशालीनगर निवासी अली हुसैन सिद्दीकी ने दुर्ग श्रम विभाग में विधायक रिकेश सेन के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है।
शिकायत में अली ने दावा किया है कि:
उन्हें विधायक द्वारा ₹15,000 मासिक वेतन पर नियुक्त किया गया था।
उनका काम फेसबुक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर विधायक की आलोचना करना और विरोधियों की गतिविधियों पर नजर रखना था।
यह सब इसलिए किया गया ताकि विधायक की लोकप्रियता बनी रहे और विरोध की आवाज़ों को रणनीतिक ढंग से नियंत्रित किया जा सके।
🔴 17 महीने से नहीं मिला वेतन
सिद्दीकी का कहना है कि उन्होंने लगातार 17 महीने काम किया, लेकिन उन्हें एक भी महीने का वेतन नहीं दिया गया। जब उन्होंने वेतन मांगा तो:
विधायक सेन ने उन्हें “सुदामा” कहकर पुरानी दोस्ती का हवाला दिया।
बाद में कथित रूप से कहा कि “15 हजार वाली बात भी 15 लाख वाली बात की तरह एक जुमला थी”।
साथ ही, यह भी कहा कि “मैं विधायक हूँ, मेरा कोई कुछ नहीं कर सकता”।
📑 शिकायत पीएम से लेकर 27 अधिकारियों तक
अली सिद्दीकी ने यह शिकायत एसडीएम दुर्ग हितेश पिस्दा के माध्यम से न केवल स्थानीय प्रशासन, बल्कि देश के प्रधानमंत्री समेत कुल 27 अधिकारियों को ज्ञापन भेजकर की है। उनका कहना है कि यह मामला अब केवल आर्थिक धोखाधड़ी का नहीं, बल्कि नैतिक और राजनीतिक ज़िम्मेदारी का है।
🗨️ विधायक रिकेश सेन का बयान?
फिलहाल विधायक रिकेश सेन की ओर से इस मामले पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। लेकिन जिस इंटरव्यू में उन्होंने यह कहा था कि “मैंने अपनी आलोचना के लिए 15 हजार रुपए में एक युवक रखा है”, उसी बयान ने इस पूरे विवाद को जन्म दिया।
📣 यह मामला क्यों बना चर्चा का विषय?
यह पहली बार है जब किसी जनप्रतिनिधि पर “नियोजित आलोचक रखने” का आरोप सार्वजनिक रूप से सामने आया है।
यह सवाल खड़ा करता है कि क्या राजनीति में अब प्रचार के लिए आलोचना भी ‘ठेके’ पर दी जाती है?
साथ ही, यह मुद्दा श्रम कानूनों और नैतिकता दोनों से जुड़ा हुआ है।