प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने संभल स्थित शाही जामा मस्जिद में रंगाई-पुताई की अनुमति देने से इनकार कर दिया है। हालांकि, कोर्ट ने मस्जिद परिसर में साफ-सफाई कराने की मंजूरी दे दी है। यह कार्य भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) द्वारा किया जाएगा। हाईकोर्ट इस मामले पर सभी पक्षों को सुनने के बाद 4 मार्च को अंतिम फैसला सुनाएगा।
कोर्ट में पेश हुई ASI की रिपोर्ट
आज की सुनवाई में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसमें कहा गया कि मस्जिद में पहले से ही पेंटिंग की गई है और इसे दोबारा रंगने की कोई आवश्यकता नहीं है। मस्जिद कमेटी ने इस रिपोर्ट पर आपत्ति जताई, जिसके बाद कोर्ट ने उन्हें 4 मार्च तक लिखित आपत्ति दाखिल करने का निर्देश दिया है।
हिंदू पक्ष ने भी हलफनामा दाखिल करने की अनुमति मांगी
हिंदू पक्ष ने भी अदालत से अनुरोध किया कि उन्हें इस मामले में अपना हलफनामा दाखिल करने की अनुमति दी जाए। कोर्ट ने इसे स्वीकार करते हुए उन्हें 4 मार्च तक हलफनामा प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। हिंदू पक्ष का तर्क है कि रंगाई-पुताई और मरम्मत से संरचना को नुकसान हो सकता है।
रमजान को देखते हुए दी गई सफाई की अनुमति
चूंकि 2 मार्च से रमजान का महीना शुरू हो रहा है, इसलिए हाईकोर्ट ने रोजेदारों को किसी भी प्रकार की असुविधा से बचाने के लिए साफ-सफाई की अनुमति दे दी है। हालांकि, रंगाई-पुताई, मरम्मत और लाइटिंग के संबंध में कोई निर्णय अभी नहीं लिया गया है।
मामले की अगली सुनवाई 4 मार्च को
मस्जिद कमेटी ने इससे पहले संभल के जिलाधिकारी को पत्र लिखकर ASI से रंगाई-पुताई की अनुमति मांगी थी, लेकिन अनुमति नहीं मिलने पर उन्होंने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। अब यह फैसला 4 मार्च को होगा कि मस्जिद में पेंटिंग और मरम्मत का कार्य किया जाएगा या नहीं।
कालेडोनिया घोटाला: राकेश वधावन को सीबीआई चार्जशीट के बाद बेल, पीएमसी बैंक से जुड़ा मामला..यह भी पढ़े