नई दिल्ली, 19 अप्रैल: भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद निशिकांत दुबे ने सुप्रीम कोर्ट को लेकर एक विवादित बयान देकर राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। उन्होंने कहा कि “अगर कानून सुप्रीम कोर्ट ही बनाएगा तो संसद भवन बंद कर देना चाहिए।” यह टिप्पणी उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर हिंदी में पोस्ट की।
दुबे का यह बयान उस समय आया है जब सुप्रीम कोर्ट में वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली कई याचिकाओं पर सुनवाई चल रही है। संसद द्वारा हाल ही में पारित इस अधिनियम की कुछ धाराओं पर न्यायालय ने सवाल उठाए हैं, जिसके बाद केंद्र सरकार ने अगली सुनवाई तक उन प्रावधानों को लागू न करने पर सहमति जताई है।
निशिकांत दुबे ने इस मुद्दे पर बिना किसी विस्तार के सुप्रीम कोर्ट की भूमिका पर सवाल उठाया और अप्रत्यक्ष रूप से न्यायपालिका द्वारा कानून निर्माण में हस्तक्षेप की आलोचना की।
इस पूरे प्रकरण को लेकर कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने कड़ा विरोध जताया है। कांग्रेस सांसदों ने कहा है कि दुबे का यह बयान “लोकतंत्र और संवैधानिक संस्थाओं के सम्मान के विरुद्ध है” और इसे किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किया जा सकता।
इतना ही नहीं, दुबे ने देश में कथित “गृहयुद्ध जैसे हालातों” के लिए मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना को जिम्मेदार ठहराया है, जो कि और भी अधिक विवादों को जन्म दे रहा है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह बयान संसद और न्यायपालिका के बीच संतुलन और सीमाओं को लेकर एक गंभीर बहस की ओर इशारा करता है। अब देखना होगा कि भाजपा इस बयान पर क्या रुख अपनाती है और सुप्रीम कोर्ट की प्रतिक्रिया क्या होती है।