लॉरेंस बिश्नोई गैंग का आतंक लगातार जारी है। कहीं लॉरेंस गैंग के नाम पर हफ्ता वसूली की जा रही है तो कही बिश्नोई गैंग के सदस्य होने के शक में बदमाशों को गिरफ्तार किया जा रहा है। हाल ही में पुलिस ने कुछ आरोपियों को लॉरेंस गैंग का सदस्य होने के आरोप में गिरफ्तार किया था। आरोपियों के वकील ने कोर्ट में कहा कि, सांठगांठ के लिए पुलिस ने उन्हें बिलावजह गिरफ्तार किया है। न्यायालय ने मामले में तीनों युवकों को जमानत दे दी है। आरोपियों के परिजनों का आरोप है कि, पुलिस ने सांठगांठ के लिए बगैर वजह उन्हें गिरफ्तार किया था। तीनों युवकों के वकील ने कोर्ट के समक्ष वे दस्तावेज भी प्रस्तुत किए, जिसमें पहले भी बेवजह तीनों युवको को आरोपी बनाने की बात कही गई थी। कोर्ट ने मामले में तीनों युवकों को जमानत दे दी।
दरअसल लसूड़िया पुलिस ने 4 दिसंबर को तीन आरोपी भूपेन्द्र सिंह निवासी सागर खरवा ब्यावर राजस्थान, आदेश चौधरी निवासी रामगंज अजमेर और दीपक सिंह निवासी अजमेर को कोर्ट में पेश कर बिश्नोई गैंग के मेंबर बताया था। पुलिस ने कोर्ट को यह भी कहा था कि, तीनों इंदौर बायपास पर किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने पहुंचे थे। इसके पहले ही पुलिस ने चेकिंग में उन्हें पकड़ लिया। प्रकरण में तीनों की जमानत की अर्जी एडवोकेट पवन राय द्वारा लगा अपने तर्क में कोर्ट के सामने कुछ दस्तावेज रखे। जिसमें बताया गया कि, पुलिस से न्यायालय द्वारा पत्राचार करके आरोपियों के गिरफ्तारी सबंधी कागज पुलिस अफसरों तक भेजे थे। इसमें पुलिस ने तीनों के हिरासत में नही होने की बात कही थी। वकील ने कोर्ट को बताया कि, उन्होंने आरोपियों की पुलिस द्वारा बताई गिरफ्तारी के पहले कोर्ट में यह भी अपील की थी कि, तीनों को पुलिस झूठे केस में फंसा सकती है। उन्होंने तीनों पर लगे प्रकरण में समय और तारीख के हिसाब से बेबुनियाद बताया। इस पर न्यायालय ने मामले को संदेहास्पद मानकर तीनों को जमानत दे दी। एडवोकेट राय ने कोर्ट को यह भी बताया कि, तीनों अपनी जीप से महाकालेश्वर मंदिर उज्जैन दर्शन करने आए थे फिर अपनी जीप से ही उज्जैन से इंदौर पहुंचे थे और इंदौर बायपास से ओंकारेश्वर दर्शन हेतु जा रहे थे। इसी दौरान मुखबिर ने पुलिसकर्मियों को जानकारी दी। भूपेंद्र पर पूर्व में छोटे प्रकरण दर्ज होने के चलते तीनों को थाने ले जाया गया। यहां पुलिसकर्मी साठगांठ की कोशिश करते रहे। उन्होंने उनके परिवार से भी संपर्क किया था। तीनों के परिवार के लोग वकील के पास पहुंचे और उन्होंने कोर्ट के माध्यम से आरोपियों को लेकर जानकारी भी मांगी थी।
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