महाकुंभ क्षेत्र में मंडरा रहा हेलीकॉप्टर, हाईटैक सुरक्षा पहरा
महाकुंभ 2025: महाकुंभ स्नान शुरू हो चुका है, करोड़ों श्रद्धालु कुंभ में पुण्य स्नान ध्यान साधना करने पहुंचे रहे हैं। महाकुंभ को सुरक्षित और सुव्यवस्थित बनाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह अलर्ट हैं। कुंभ पर हेलीकॉप्टर से नजर रखी जा रही है।

महाकुंभ की कई महीनों से चल रही थी ये महातैयारियां
उत्तर प्रदेश पुलिस, कुम्भ मेला पुलिस, एनएसजी, एटीएस, एनडीआरएफ, और अन्य पैरामिलिट्री फोर्सेज ने सुरक्षा की चाक-चौबंद व्यवस्था बनाए रखने के लिए तत्परता से जुटी हैं। प्रयागराज के बोट क्लब पर एनएसजी, यूपी एटीएस (एंटी-टेररिज्म स्क्वाड), एनडीआरएफ (नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स), और जल पुलिस ने एक संयुक्त मॉक ड्रिल भी की थी। इस ड्रिल में एक आतंकवादी हमले का सीन क्रिएट किया गया। जिसमें डर्टी बम का खतरा और बंधकों को छुड़ाया गया। एनएसजी की टीमों ने दो दिशाओं से ऑपरेशन शुरू किया। एसडीआरएफ ने जलमार्ग और सड़क मार्ग से लक्ष्य तक पहुंचकर बंधकों को सुरक्षित मुक्त कराते हुए सीबीआरएन (केमिकल, बायोलॉजिकल, रेडियोलॉजिकल और न्यूक्लियर) खतरे को बेअसर करने का प्रदर्शन किया।
मॉक ड्रिल में एनएसजी ने किया बेहतर सुरक्षा क्षमता का प्रदर्शन
एनएसजी कमांडो ने मॉक ड्रिल के दौरान आतंकियों द्वारा बंधक बनाए गए श्रद्धालुओं को छुड़ाने, बम ब्लास्ट से लोगों को बचाने और एक जिंदा बम को निष्क्रिय करने का प्रदर्शन किया। एनएसजी की पांच टुकड़ियां महाकुंभ में तैनात रहेंगी। ये टीमें डर्टी बम, फिदायीन हमले और केमिकल, बायोलॉजिकल, रेडियोलॉजिकल और न्यूक्लियर खतरों से निपटने में पूरी तरह सक्षम हैं।
एनएसजी कमांडो के प्रमुख हथियार
MP5
AK-47
कार्नर शॉट गन
ग्लोक 17
एनडीआरएफ की केमिकल अटैक से निपटने की तैयारी
महाकुंभ मेले में केमिकल अटैक की स्थिति से निपटने के लिए एनडीआरएफ की टीमों ने भी मॉक ड्रिल की। इस दौरान आपात स्थितियों में त्वरित प्रतिक्रिया देने की योजना को परखा गया। एनडीआरएफ की टीमें केमिकल और अन्य खतरों के प्रभाव को कम करने और राहत कार्यों में दक्षता साबित कर रही हैं। महाकुंभ में सुरक्षा के लिए भारतीय वायुसेना के MI-7 हेलिकॉप्टर को भी तैनात किया गया है। यह हेलिकॉप्टर निगरानी, आपात स्थिति में प्रतिक्रिया, और बचाव कार्यों में अहम भूमिका निभाएगा।
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