BY: Yoganand Shrivastva
पूर्वोत्तर भारत के कई राज्यों में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया है। तेज बारिश और उसके कारण आई बाढ़ तथा भूस्खलन ने अब तक 30 लोगों की जान ले ली है, जबकि कई अन्य घायल हुए हैं। भारत मौसम विभाग (IMD) ने आने वाले दिनों में अत्यधिक भारी वर्षा की चेतावनी जारी की है, जिससे लोगों की चिंता और बढ़ गई है।
असम में 17 जिलों पर बाढ़ का असर
असम में बाढ़ और भूस्खलन के चलते अब तक 8 लोगों की मौत हो चुकी है। राज्य के 17 जिले बाढ़ की चपेट में हैं और करीब 78,000 लोग प्रभावित हुए हैं। जलभराव और क्षतिग्रस्त बुनियादी ढांचे के कारण राहत कार्यों में भी बाधा आ रही है।
मिजोरम में भूस्खलन से म्यांमार के शरणार्थियों की जान गई
मिजोरम में भी हालात गंभीर हैं। भारी बारिश से हुए भूस्खलन में अब तक 4 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें 3 म्यांमार से आए शरणार्थी शामिल हैं। एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हुआ है। राज्य में मौसम की मार से अब तक 5 मौतें दर्ज की जा चुकी हैं।
मेघालय में बिजली गिरने और बाढ़ से 6 की जान गई
मेघालय में बीते तीन दिनों में छह लोगों की मौत हुई है। दो लड़कियां बिजली गिरने से मारी गईं और एक व्यक्ति डूब गया। भारी बारिश से 49 गांव प्रभावित हुए हैं और लगभग 1,100 लोग संकट में हैं।
अरुणाचल प्रदेश में भूस्खलन बना जानलेवा
अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने पुष्टि की है कि राज्य में 9 लोगों की मौत भूस्खलन की वजह से हुई है। इसमें पूर्वी कामेंग जिले में 7 और जीरो घाटी में 2 मौतें हुई हैं। मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिवारों को ₹4 लाख की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। मौसम विभाग ने 1 से 6 जून तक भारी बारिश और आंधी की चेतावनी दी है।
मणिपुर की राजधानी इंफाल में बाढ़ जैसे हालात
इंफाल में बारिश ने जीवन को ठप कर दिया है। सड़कों पर घुटनों तक पानी भर गया है और ट्रैफिक व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है। नीचले इलाकों में घरों और दुकानों में पानी घुस गया है, जिससे लोगों को अपने सामान की सुरक्षा के लिए रातभर मशक्कत करनी पड़ी।
सिक्किम में 1,500 पर्यटक फंसे
उत्तर सिक्किम में लगातार बारिश और भूस्खलन की वजह से मुख्य सड़कें बाधित हो गई हैं। इससे करीब 1,500 पर्यटक फंस गए हैं। मंगन जिले में एक वाहन के तीस्ता नदी में गिरने से एक व्यक्ति की मौत और दो लोग घायल हुए हैं, जबकि आठ पर्यटक लापता हैं। नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी के चलते खोज अभियान भी रोकना पड़ा है।
प्रशासन सतर्क, राहत कार्य जारी
स्थानीय प्रशासन और आपदा प्रबंधन बल राहत एवं बचाव कार्यों में जुटे हुए हैं। प्रभावित क्षेत्रों में राहत शिविर स्थापित किए गए हैं और प्रभावितों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। मौसम विभाग के अलर्ट को देखते हुए सभी राज्यों में आपात तैयारियां तेज कर दी गई हैं।