इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने हरियाणा में आयुष्मान कार्ड योजना को लेकर बड़ा कदम उठाया है। राज्य और केंद्र सरकार की तरफ से 490 करोड़ रुपये की बकाया राशि का भुगतान न होने के कारण यह फैसला लिया गया है। अब प्राइवेट अस्पताल आयुष्मान कार्डधारकों का इलाज नहीं करेंगे।
क्या है मामला?
IMA हरियाणा ने सरकार के साथ बातचीत विफल रहने के बाद यह कड़ा निर्णय लिया है। बीती रात 12 बजे से राज्य के सभी अनुबंधित निजी अस्पतालों में आयुष्मान कार्ड पर इलाज की सेवाएं सस्पेंड कर दी गई हैं।
IMA का आरोप:
- सरकार ने 490 करोड़ रुपये का बकाया नहीं चुकाया।
- बातचीत के बावजूद कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला।
- IMA ने अनुबंध के अनुसार देरी से भुगतान पर ब्याज की मांग की थी, जिसे सरकार ने अस्वीकार कर दिया।
किन अस्पतालों पर पड़ेगा असर?
IMA के इस फैसले के तहत अब:
- हरियाणा के 600+ निजी अस्पताल
- गुरुग्राम के लगभग 40 बड़े और छोटे अस्पताल
आयुष्मान कार्डधारकों को न तो मुफ्त इलाज देंगे, न ही रियायती सेवाएं प्रदान करेंगे।
IMA ने सभी अस्पतालों को इसके लिए निर्देश जारी कर दिए हैं।
सरकार की सफाई क्या है?
IMA की बैठक में हरियाणा सरकार और आयुष्मान भारत स्वास्थ्य प्राधिकरण के अधिकारियों ने बताया:
- मंगलवार को सरकार ने 245 करोड़ रुपये जारी किए हैं।
- हरियाणा सरकार की तरफ से: 175 करोड़ रुपये
- केंद्र सरकार की तरफ से: 70 करोड़ रुपये
- यह राशि FIFO मोड (First In First Out) में वितरित की जा रही है।
- 22 अगस्त को मानसून सत्र में अनुपूरक बजट की मांग रखी जाएगी।
हालांकि, अधिकारियों ने यह स्पष्ट नहीं किया कि वे कितना बजट मांगेंगे या कब तक भुगतान किया जाएगा।
MOU के नियमों की अनदेखी
IMA ने यह भी कहा कि सरकार ने अनुबंध में उल्लेखित दंडात्मक ब्याज पर भी कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया। इसके बाद IMA ने सभी अस्पतालों के साथ ऑनलाइन बैठक कर इलाज रोकने का फैसला सर्वसम्मति से लिया।
आयुष्मान भारत योजना का राज्य में आंकड़ा
- अब तक हरियाणा में 1.35 करोड़ आयुष्मान कार्ड बनाए जा चुके हैं।
- केंद्र ने FY 2024-25 तक 607.73 करोड़ रुपये जारी किए हैं।
- योजना की लागत केंद्र और राज्य के बीच 60:40 अनुपात में साझा होती है।
भुगतान को लेकर दिशा-निर्देश:
- राज्य के भीतर अस्पतालों के लिए: 15 दिन में भुगतान।
- अन्य राज्यों के अस्पतालों (पोर्टेबिलिटी क्लेम): 30 दिन में भुगतान।
क्या है आगे का रास्ता?
IMA ने स्पष्ट किया है कि जब तक सरकार ठोस और समयबद्ध निर्णय नहीं लेती, तब तक यह रोक जारी रहेगी। इससे लाखों गरीब लाभार्थियों को स्वास्थ्य सेवाएं मिलना असंभव हो जाएगा।
IMA और सरकार के बीच का यह टकराव हरियाणा में आयुष्मान योजना की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े करता है। यदि जल्द समाधान नहीं निकला, तो इससे न सिर्फ मरीज प्रभावित होंगे, बल्कि निजी अस्पतालों की स्थिति भी और गंभीर हो सकती है।