ग्वालियर शहर में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। प्रेम संबंधों में आए तनाव के चलते एक 24 वर्षीय युवक ने प्रेमिका के घर के बाहर खुद पर पेट्रोल छिड़ककर आग लगा ली। 75% झुलसे युवक की हालत नाजुक बनी हुई है और उसका इलाज जयारोग्य अस्पताल के बर्न वार्ड में जारी है।
घटना की पूरी जानकारी
यह दर्दनाक मामला ग्वालियर के पटिया वाले बाबा मोहल्ला, सिकंदर कंपू क्षेत्र से जुड़ा है। यहां रहने वाला युवक अजय कुशवाहा मोहल्ले की एक युवती से लंबे समय से प्रेम संबंध में था। लेकिन हाल के दिनों में दोनों के रिश्तों में दरार आ गई थी, जिससे अजय मानसिक रूप से काफी परेशान था।
कैसे हुई घटना?
- देर रात अजय अपनी प्रेमिका के घर पहुंचा।
- उसके बाद उसने अपने ऊपर पेट्रोल छिड़का और खुद को आग के हवाले कर दिया।
- मोहल्ले के लोगों ने तुरंत आग बुझाने की कोशिश की और माधौगंज थाना पुलिस को सूचना दी।
- पुलिस मौके पर पहुंची और अजय को गंभीर हालत में जयारोग्य अस्पताल भिजवाया।
युवक की हालत और पुलिस की जांच
माधौगंज थाना प्रभारी प्रशांत शर्मा ने बताया कि युवक की हालत नाजुक बनी हुई है और 75% शरीर झुलस चुका है। प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि युवक प्रेम संबंधों में आए मानसिक तनाव की वजह से यह आत्मघाती कदम उठाया।
पुलिस मामले की गंभीरता से जांच कर रही है और मोहल्ले के लोगों से पूछताछ भी की जा रही है। थाना प्रभारी के अनुसार, जैसे-जैसे नए तथ्य सामने आएंगे, उसी आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
प्रेम संबंधों में बढ़ता मानसिक दबाव
इस घटना ने एक बार फिर समाज में प्रेम संबंधों में मानसिक दबाव और आत्महत्या की प्रवृत्ति पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। विशेषज्ञों के अनुसार, ऐसे मामलों में मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना बेहद जरूरी हो गया है। यदि सही समय पर काउंसलिंग या बातचीत हो, तो कई जिंदगियां बचाई जा सकती हैं।
समाज के लिए सबक
- रिश्तों में आने वाली समस्याओं का हल आत्महत्या नहीं है।
- परिजनों और समाज को चाहिए कि युवाओं को मानसिक सहयोग और मार्गदर्शन दें।
- मानसिक तनाव के लक्षणों को नज़रअंदाज़ न करें और समय पर उचित सहायता लें।
निष्कर्ष
ग्वालियर की यह घटना न केवल दुखद है, बल्कि सोचने पर मजबूर करती है कि हम अपने आसपास के लोगों के मानसिक हालात को कितनी गंभीरता से लेते हैं। प्रेम, विश्वास और संवाद के अभाव में कई बार नौजवान ऐसे खतरनाक कदम उठा लेते हैं, जिनका अंजाम जीवन भर का दुख बन जाता है।