ग्वालियर शहर में नागरिकों की सुरक्षा और अपराध पर नियंत्रण के उद्देश्य से स्थापित की गईं पुलिस चौकियां अब खुद बदहाली की शिकार हो चुकी हैं। जब शहर की प्रमुख चौकियों का दौरा किया, तो अधिकांश जगहों पर ताले लटकते मिले और कुछ चौकियों में तो स्थानीय लोगों ने कब्जा कर निजी उपयोग तक शुरू कर दिया है।
तारागंज चौकी बनी पार्टी स्थल
- पुलिस की गैरमौजूदगी में लोगों ने कब्जा किया।
- अंदर चूल्हे जलते मिले, खाना पक रहा था।
- कैमरे से रिकॉर्डिंग की कोशिश की गई तो स्थानीयों ने विरोध जताया।
- जब पूछा गया कि क्या यह चौकी उनका निजी स्थल है, तो जवाब मिला – “पुलिस की इजाजत से ही सब हो रहा है।”
दौलतगंज पुलिस चौकी बंद, करोड़ों का व्यापार असुरक्षित
- शहर के बड़े व्यापारिक केंद्र दौलतगंज में दिनदहाड़े चौकी बंद मिली।
- लकड़ी, लाइट और सैनिटरी के इस बाजार में हर दिन करोड़ों का लेनदेन होता है, लेकिन सुरक्षा के नाम पर कोई पुलिस मौजूद नहीं।
- व्यापारियों का आरोप – “मन हुआ तो पुलिस शाम को आती है, नहीं तो ताला पड़ा रहता है।”
लक्ष्मीबाई कॉलोनी: 6 साल से बंद है चौकी
- क्षेत्र में रोज़ाना 4 हजार छात्र-छात्राएं कोचिंग के लिए आते हैं।
- छेड़छाड़ की घटनाएं आम हैं, लेकिन थाने नहीं पहुंचतीं।
- मिस हिल्स स्कूल के पास बनी चौकी पर 6 साल से ताले लगे हैं।
सीएम ने किया उद्घाटन, पर ताला ही मिला
- माधौगंज के गुढ़ा में एक चौकी का उद्घाटन तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किया था।
- लेकिन अधिकतर समय यह चौकी बंद ही रहती है।
- बिजली के खंभों की भी कमी के कारण क्षेत्र रात में अंधेरे में डूबा रहता है।
जेएएच कैंपस में चौकी, लेकिन पुलिस नदारद
- चौकी न्यूरोसर्जरी चौराहे पर स्थित है।
- जीआरएमसी के डीन ने कई बार एसपी को पत्र लिखा, पर कोई सुधार नहीं हुआ।
- सुबह 10 से शाम 5 बजे तक भी पुलिस नजर नहीं आती।
अस्पताल परिसर में रोज़ झगड़े, फिर भी चौकी खाली
- अटेंडेंट और स्टाफ के बीच रोज़ाना विवाद होते हैं।
- तत्कालीन आरएमओ ने चौकी की मांग की थी, लेकिन अब भी वहां स्टाफ मौजूद नहीं रहता।
- नतीजतन, किसी भी घटना पर पुलिस देर से पहुंचती है।
पुलिस प्रशासन का जवाब: जल्द होगी मरम्मत और स्टाफ तैनाती
धर्मवीर सिंह, एसएसपी का बयान:
“कुछ पुलिस चौकियों की स्थिति ठीक नहीं होने के कारण वहां तैनात बल को गश्त पर लगाया गया है। जहां स्टाफ मौजूद नहीं है, उनकी रिपोर्ट ली जाएगी और चौकियों की मरम्मत के बाद नियमित संचालन सुनिश्चित किया जाएगा।”
चौकियों की मौजूदगी से ज्यादा जरूरी है सक्रियता
ग्वालियर जैसे शहर में जहां अपराध पर नियंत्रण और नागरिकों की सुरक्षा प्राथमिकता होनी चाहिए, वहां खाली पड़ी पुलिस चौकियां सवाल खड़े करती हैं। चौकियों का होना सिर्फ कागजों पर नहीं, जमीनी हकीकत में नजर आना चाहिए। प्रशासन को तुरंत संज्ञान लेकर स्टाफ की तैनाती और चौकियों के सुचारु संचालन की दिशा में कदम उठाने की जरूरत है।