भिंड, 31 मार्च 2025: NH-719 (ग्वालियर-भिंड हाईवे) पर हर रोज हो रही दुर्घटनाओं ने इसे “कालमार्ग” बना दिया है। पिछले एक साल में 250 से अधिक लोगों की जान गई, 500+ घायल हुए। अब संत समाज और पूर्व सैनिकों ने 10 अप्रैल से “अखंड संघर्ष” शुरू करने का ऐलान किया है। मांगें साफ हैं:
- हाईवे को 4 से बढ़ाकर 6 लेन करो
- 50 किमी के दायरे में गो-अभयारण्य बनाओ
- हादसा प्रवण जगहों पर ओवरब्रिज/अंडरपास बनाओ
क्यों जरूरी है यह आंदोलन?
- ब्लैक स्पॉट्स का अंधेरा:
- मुरैना क्रॉसिंग: पिछले 3 महीने में 18 हादसे
- गोहद रोड: 5 किमी में 42 कर्व्स, रात में कोई स्ट्रीट लाइट नहीं
- भिंड बायपास: ट्रक और ट्रैक्टर ट्रॉलियों की भिड़ंत
- आंकड़े चीख रहे हैं:वर्षमौतेंप्रमुख कारण2023217ओवरटेकिंग, गायों की आवाजाही2024253खराब रोड मार्किंग, नो स्पीड ब्रेकर्स2025 (अब तक)89फॉग + निर्माण कार्य
सैनिकों ने क्यों जॉइन किया मुहिम?
पूर्व फौजी सूबेदार मेजर शिव बहादुर सिंह बताते हैं:
“हमने सीमा पर देश बचाया, अब गांव की सड़कों पर जान बचाएंगे। 75% हादसों में हमारे रिटायर्ड जवान ही शिकार होते हैं।”

सपोर्ट में कौन-कौन?
- इंडियन एक्स-सर्विसमैन एसोसिएशन (2000+ मेंबर्स)
- भिंड गोरक्षा दल (संत रामपाल ग्रुप)
- लोकहित युवा संघ (स्थानीय युवाओं का समूह)
10 अप्रैल का प्लान क्या है?
- सुबह 8 बजे: भिंड बस स्टैंड से पदयात्रा
- दोपहर 1 बजे: गोहद में सभा (अनुमान: 5000+ लोग)
- शाम 5 बजे: हाईवे पर “मानव श्रृंखला” (10 किमी तक)
- रात्रि धरना: मुरैना टोल नाका पर
लोगों की आवाज़
- किसान ओमप्रकाश (ग्राम-झांझर): “मेरे बेटे को ट्रक ने कुचला, अब पोते को स्कूल भेजने में डर लगता है।”
- ड्राइवर रमेश यादव: “4 लेन में ट्रक, ट्रैक्टर, बैलगाड़ी सब चलते हैं… दुर्घटना तो होगी ही।”
सरकार की प्रतिक्रिया
भिंड कलेक्टर रजनीश श्रीवास्तव ने बताया:
“हमने केंद्र सरकार को 6-लेन प्रपोजल भेजा है। गो-अभयारण्य के लिए वन विभाग से बातचीत चल रही है।”
क्या होगा असर?
- अगर 15 दिन में जवाब नहीं मिला तो…
- 25 अप्रैल से हाईवे जाम
- टोल नाका पर “नो टैक्स” मूवमेंट
- ऑनलाइन पेटीशन (लक्ष्य: 1 लाख साइन)
अंतिम अपील:
संत श्री गोपालदास ने कहा – “यह जंग सिर्फ सड़क की नहीं, हर उस माँ के आंसू पोंछने की है जिसने बेटा खोया।”
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