शिलांग, 1 अप्रैल 2025:
भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM) शिलांग ने अपने अंतरराष्ट्रीय शैक्षणिक नेटवर्क को और विस्तार देते हुए एक महत्वपूर्ण पहल की है। संस्थान ने यूरोप, अफ्रीका और उत्तरी अमेरिका के पांच प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों के साथ समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं। यह कदम संस्थान के छात्रों और शिक्षकों के लिए वैश्विक अवसरों के नए द्वार खोलेगा।
विस्तृत जानकारी: नए साझेदार संस्थान
- POLIMI ग्रेजुएट स्कूल ऑफ मैनेजमेंट, इटली:
मिलान स्थित यह संस्थान यूरोप के टॉप बिजनेस स्कूलों में शुमार है। यहां इंजीनियरिंग और प्रबंधन की संयुक्त शिक्षा पर विशेष जोर दिया जाता है। - IE बिजनेस स्कूल, स्पेन:
मैड्रिड में स्थित यह संस्थान उद्यमिता और नवाचार के क्षेत्र में विश्वविख्यात है। यहां की MBA प्रोग्राम को वैश्विक स्तर पर सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। - वेस्टसैक्सिस्चे होचशुले ज़विकाऊ, जर्मनी:
यह यूनिवर्सिटी ऑफ एप्लाइड साइंसेज टेक्नोलॉजी और प्रबंधन शिक्षा के समन्वय के लिए जानी जाती है। जर्मनी की मजबूत औद्योगिक पृष्ठभूमि यहां के छात्रों के लिए विशेष लाभप्रद है। - यूनिवर्सिटी ऑफ जोहान्सबर्ग, दक्षिण अफ्रीका:
अफ्रीका महाद्वीप के प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों में से एक है जो बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन के साथ-साथ विकास अध्ययनों में विशेषज्ञता रखता है। - लॉरेंशियन यूनिवर्सिटी, कनाडा:
यह संस्थान हाल ही में IIM शिलांग के साथ जुड़ा है। कनाडा की यह यूनिवर्सिटी बहुसांस्कृतिक वातावरण और शोध-आधारित शिक्षण के लिए प्रसिद्ध है।

इन समझौतों के व्यापक लाभ
छात्रों के लिए अवसर
- विदेश में अध्ययन: छात्र एक या दो सेमेस्टर के लिए इन संस्थानों में पढ़ाई कर सकेंगे।
- द्वि-डिग्री कार्यक्रम: चुनिंदा छात्रों को दोनों संस्थानों से डिग्री प्राप्त करने का मौका मिलेगा।
- इमर्सन प्रोग्राम: छोटी अवधि के विशेष कार्यक्रमों में भाग लेकर अंतरराष्ट्रीय अनुभव प्राप्त कर सकेंगे।
- इंटर्नशिप के अवसर: विदेशी कंपनियों में काम करने का अनुभव प्राप्त कर सकेंगे।
शिक्षकों और शोध के लिए लाभ
- संयुक्त शोध परियोजनाएं: दोनों संस्थानों के शिक्षक मिलकर नए शोध करेंगे।
- शिक्षक विनिमय कार्यक्रम: प्रोफेसर्स एक-दूसरे के संस्थानों में जाकर पढ़ाएंगे।
- संयुक्त सेमिनार और वर्कशॉप: विभिन्न विषयों पर ज्ञान का आदान-प्रदान होगा।
संस्थान के लिए महत्व
- ग्लोबल रैंकिंग में सुधार: अंतरराष्ट्रीय सहयोग से संस्थान की प्रतिष्ठा बढ़ेगी।
- शैक्षणिक गुणवत्ता में वृद्धि: नई शिक्षण पद्धतियों को अपनाने का मौका मिलेगा।
- वैश्विक नेटवर्क का विस्तार: अन्य प्रतिष्ठित संस्थानों के साथ संबंध मजबूत होंगे।
IIM शिलांग का दृष्टिकोण
संस्थान के निदेशक प्रोफेसर रमेश कुमार ने बताया, “हमारा लक्ष्य छात्रों को वैश्विक नागरिक बनाना है। ये समझौते हमारे छात्रों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए तैयार करेंगे।” उन्होंने आगे कहा कि यह पहल “नॉलेज एक्सचेंज” की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
छात्रों की प्रतिक्रिया
IIM शिलांग के द्वितीय वर्ष के छात्र अभिषेक वर्मा ने कहा, “यह एक शानदार अवसर है। मैं जर्मनी में इंडस्ट्रियल मैनेजमेंट का कोर्स करना चाहूंगा।” वहीं, प्रथम वर्ष की छात्रा प्रिया शर्मा ने कहा, “स्पेन में उद्यमिता सीखने का मौका मिलेगा, यह मेरे करियर के लिए बहुत उपयोगी होगा।”
भविष्य की योजनाएं
संस्थान प्रशासन ने बताया कि आने वाले समय में एशिया और ऑस्ट्रेलिया के प्रतिष्ठित संस्थानों के साथ भी समझौते किए जाएंगे। इसके अलावा, विशेष छात्रवृत्ति योजनाएं शुरू की जाएंगी ताकि आर्थिक रूप से कमजोर छात्र भी इन अंतरराष्ट्रीय अवसरों का लाभ उठा सकें।