BY: MOHIT JAIN
नेपाल के बाद अब मेडागास्कर में भी Gen Z प्रदर्शनकारियों की क्रांति देखने को मिल रही है। बिजली और पानी की लगातार कटौती के विरोध में युवाओं ने गुरुवार से सड़कों पर उतरकर देश की सरकार को हिला कर रख दिया।
सड़कों पर उतरे हजारों प्रदर्शनकारी

मेडागास्कर की राजधानी अंतानानारिवो और अन्य प्रमुख शहरों में हजारों युवा सड़कों पर उतरे। उन्होंने नारेबाजी की, टायर जलाए और विरोध के संदेश टी-शर्ट तथा पोस्टरों पर लिखे। इस प्रदर्शन ने इतना तेजी से रूप लिया कि सरकार को रात का कर्फ्यू लगाने पर मजबूर होना पड़ा।
यूएन के अनुसार, प्रदर्शन के दौरान अब तक 22 लोग मारे गए और 100 से अधिक घायल हुए हैं। हालांकि, मेडागास्कर की विदेश मंत्री ने यूएन की मौतों की संख्या खारिज की है।
प्रदर्शन क्यों हुआ?
मेडागास्कर, अफ्रीका के पूर्वी तट पर स्थित 3.1 करोड़ की आबादी वाला द्वीप है। प्रदर्शनकारियों का गुस्सा गरीबी और अधिकारियों के बिजली-पानी के वादों को पूरा न करने पर है। विश्व बैंक की रिपोर्ट के अनुसार, 2022 में लगभग 75% लोग गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे थे।
इस आर्थिक तंगी और बुनियादी सेवाओं की कमी ने Gen Z को सक्रिय कर दिया, जो अब सत्ता परिवर्तन की मांग कर रहे हैं।
नेपाल जैसी Gen Z क्रांति
प्रदर्शनकारी जापानी एनीमे टीवी सीरीज ‘वन पीस’ के प्रतीक चिन्हों वाले झंडे और टी-शर्ट पहनकर सड़कों पर उतरे। उनके नारे और तख्तियां जैसे “जस्टिस फॉर मेडागास्कर” और “लेओ — हम तंग आ चुके हैं” इस बात को दर्शाती हैं कि युवा सिर्फ जिंदा रहने नहीं बल्कि जीवन में बदलाव चाहते हैं।
सरकार का बर्खास्त होना

प्रदर्शन के दबाव में, राष्ट्रपति आंद्रि राजोएलिना ने सोमवार को प्रधानमंत्री और पूरी सरकार को बर्खास्त कर दिया। उन्होंने कहा कि नई सरकार के गठन तक वर्तमान अधिकारी अंतरिम पदों पर रहेंगे।
राष्ट्रपति ने प्रदर्शनकारियों से संवाद करते हुए कहा,
“आपकी मांगें सुनी गई हैं। अगर सरकार के कुछ सदस्य जनता की अपेक्षाओं पर खरे नहीं उतरे, तो मैं माफी चाहता हूं। मैं आपकी परेशानियों और बिजली-पानी की समस्याओं को समझता हूं।”
पीएम और राष्ट्रपति के इस्तीफे की मांग
प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री क्रिश्चियन न्त्साय और राष्ट्रपति राजोएलिना दोनों के इस्तीफे की मांग कर रहे थे। हालांकि, राष्ट्रपति ने इस्तीफा देने का कोई संकेत नहीं दिया। राजोएलिना 2019 से देश के राष्ट्रपति हैं और 2009 के तख्तापलट के बाद अस्थायी सरकार के नेता भी रह चुके हैं।