रिपोर्टर: लोकेश्वर सिन्हा
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गरियाबंद जिले के भाटीगढ़ स्थित बड़े गोबरा आदिवासी प्री-मैट्रिक आवासीय विद्यालय का नया भवन महज दो साल में ही जर्जर हो गया है। 2023 में लोक निर्माण विभाग (PWD) द्वारा पूर्ण किया गया यह भवन अब दरारों और उखड़ते प्लास्टर के कारण छात्रों के लिए खतरा बन गया है।
2008 में मिली मंजूरी, पर काम में लापरवाही
- इस भवन का प्रस्ताव 2008 में मंजूर हुआ था।
- निर्माण पर 30 लाख से अधिक की लागत आई।
- निर्माण कार्य बार-बार रुकने और लापरवाही के कारण
- दो बार अनुबंध बदला गया,
- और तय स्टीमेट के आधार पर अभी भी कई काम अधूरे हैं।
दरारों से बढ़ा हादसे का खतरा
कक्षाओं की दीवारों में बड़ी दरारें पड़ चुकी हैं।
- छत और दीवार का प्लास्टर उखड़कर गिरने लगा है,
- जिससे बच्चों के बीच भय का माहौल है।
- अभिभावकों का कहना है कि यदि स्थिति पर तुरंत ध्यान नहीं दिया गया तो कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।
विभागीय लापरवाही उजागर
हैरानी की बात यह है कि
- PWD ने अब तक भवन का विधिवत हस्तांतरण ट्राइबल विभाग को नहीं किया है।
- जिससे विद्यालय का संचालन और रखरखाव अधर में लटका हुआ है।
- जब इस मामले पर सवाल उठाए गए तो PWD अधिकारियों ने कहा कि वे अब जांच कर रहे हैं।
बच्चों की सुरक्षा पर सवाल
विद्यालय प्रशासन का कहना है कि इस स्थिति में बच्चों को कक्षाओं में बैठाना खतरे से खाली नहीं है। ग्रामीण और पालक प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि
- तुरंत भवन की मरम्मत कराई जाए,
- और जिम्मेदार ठेकेदार व अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए।