भारत के पूर्व राज्यपाल चौधरी सत्यपाल मलिक का मंगलवार, 5 अगस्त 2025 को दिल्ली के राममनोहर लोहिया (RML) अस्पताल में निधन हो गया। 79 वर्षीय मलिक लंबे समय से बीमार चल रहे थे और अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था, लेकिन डॉक्टर उन्हें बचा नहीं सके।
कौन थे सत्यपाल मलिक?
सत्यपाल मलिक एक अनुभवी राजनेता और प्रशासक थे, जिन्होंने कई महत्वपूर्ण राज्यों में राज्यपाल के रूप में अपनी सेवाएं दीं। वे खासतौर पर अपने बेबाक बयानों और स्पष्ट विचारों के लिए जाने जाते थे।
उन्होंने निम्न राज्यों में राज्यपाल का पद संभाला:
- जम्मू-कश्मीर (2018–2019) – इस दौरान राज्य को केंद्र शासित प्रदेश में बदला गया।
- गोवा (2019–2020)
- मेघालय (2020–2022)
उनके निधन की जानकारी कैसे मिली?
पूर्व राज्यपाल के आधिकारिक X (Twitter) हैंडल से उनके निधन की जानकारी साझा की गई। पोस्ट में लिखा गया:
“पूर्व गवर्नर चौधरी सत्यपाल सिंह मलिक जी नहीं रहे।”
इस शोक संदेश के बाद कई राजनीतिक हस्तियों और आम लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।
इलाज के दौरान हालत नाजुक बनी रही
सूत्रों के अनुसार, सत्यपाल मलिक काफी समय से बीमार थे और दिल्ली के RML अस्पताल में भर्ती थे। उनकी हालत लगातार नाजुक बनी रही और अंततः 5 अगस्त को उन्होंने अंतिम सांस ली।
राजनीतिक सफर और योगदान
- मलिक ने राज्यसभा और लोकसभा दोनों में प्रतिनिधित्व किया।
- वे केंद्र सरकार में मंत्री भी रहे।
- जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल के रूप में उन्होंने धारा 370 हटाए जाने से पहले का दौर संभाला, जो उनके कार्यकाल का सबसे चर्चित हिस्सा रहा।
देश ने एक बेबाक और ईमानदार नेता को खोया
सत्यपाल मलिक का व्यक्तित्व उनके बेबाक रवैये और जनहित के मुद्दों पर स्पष्ट राय रखने के लिए पहचाना जाता था। उनके निधन से भारतीय राजनीति ने एक ऐसा नेता खो दिया है जो सत्ता में रहते हुए भी सच कहने से पीछे नहीं हटता था।
पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का निधन भारतीय राजनीति के लिए एक बड़ी क्षति है। उन्होंने जिन राज्यों में सेवाएं दीं, वहां उन्होंने अपने प्रशासनिक कौशल और जनहित में फैसलों से जनता का विश्वास जीता। उनके योगदान और विचार हमेशा याद किए जाएंगे।