रिपोर्ट: रूपेश कुमार
संघर्षों को जीतने वालों को सलाम
झारखंड के विष्णु मुंडा ने यह साबित कर दिया है कि हालात चाहे जैसे भी हों, अगर हौसला बुलंद हो तो कोई मंजिल दूर नहीं। एक हाथ से जिंदगी की चुनौतियों से जूझते हुए उन्होंने जेपीएससी में 282वीं रैंक हासिल की है। उनकी इस असाधारण उपलब्धि पर ‘उड़ान आईएएस’ के निदेशक अरुण सर ने खुद हजारीबाग पहुंचकर उन्हें सम्मानित किया।
हॉस्टल में पहुंचकर दी प्रेरणा
अरुण सर विशेष रूप से रांची से हजारीबाग आए, जहां विष्णु मुंडा एक सामान्य छात्रावास में रहकर पढ़ाई कर रहे हैं। उन्होंने न सिर्फ मिठाई और किताबें भेंट कीं, बल्कि आर्थिक सहयोग भी प्रदान किया और उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं।
विष्णु की भावुक प्रतिक्रिया
सम्मान पाकर भावुक विष्णु मुंडा ने कहा,
“मैं कभी अरुण सर से नहीं मिला था, लेकिन उनकी संस्था के बारे में हमेशा सुनता था। आज वे खुद मेरे हॉस्टल आए, यह मेरे लिए गर्व और प्रेरणा की बात है। मैं उनका दिल से आभार व्यक्त करता हूँ।”
अरुण सर की पहल बन रही मिसाल
अरुण सर का यह मानवीय अभियान केवल सम्मान तक सीमित नहीं है, बल्कि वे निरंतर उन युवाओं तक पहुँच रहे हैं जो कठिनाइयों को पार कर सफलता की कहानी लिख रहे हैं। हाल ही में वे दुमका की बबीता पहाड़िया से मिलने 300 किलोमीटर दूर उनके गाँव पहुँचे थे। बबीता भी जेपीएससी में सफल रही हैं और अत्यंत साधारण पृष्ठभूमि से आती हैं।
झारखंड में जगा रहे उम्मीद की लौ
अरुण सर का मानना है:
“जब समाज अपने असली हीरोज को पहचानता और उन्हें सम्मान देता है, तभी नई पीढ़ी को सच्ची प्रेरणा मिलती है।”
उनकी यह पहल पूरे झारखंड में संघर्षशील युवाओं को नई ऊर्जा और उम्मीद से भर रही है।