फिनलैंड के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर स्टब ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण बयान दिया है, जिसमें उन्होंने ग्लोबल साउथ, खासकर भारत के साथ विदेश नीति में अधिक सम्मान और सहयोग की आवश्यकता पर बल दिया। उनका मानना है कि अगर पश्चिमी देश इस दिशा में कदम नहीं उठाएंगे, तो अमेरिका इस वैश्विक रणनीतिक खेल में हार सकती है।
ग्लोबल साउथ और भारत के साथ बेहतर संबंध क्यों जरूरी?
अलेक्जेंडर स्टब ने कहा कि वैश्विक राजनीति में अब ग्लोबल साउथ की भूमिका तेजी से बढ़ रही है। भारत जैसे बड़े देश के साथ मजबूत और सम्मानजनक संबंध बनाना न केवल आर्थिक बल्कि राजनीतिक दृष्टि से भी बेहद महत्वपूर्ण है।
- ग्लोबल साउथ के देशों की बढ़ती भूमिका
- भारत की वैश्विक मंच पर बढ़ती ताकत
- सहयोग से वैश्विक स्थिरता और विकास को बढ़ावा
शंघाई सहयोग संगठन (SCO) समिट का संदर्भ
स्टब ने चीन के तियानजिन में हुए शंघाई सहयोग संगठन (SCO) समिट का भी जिक्र किया, जिसमें भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल थे। उन्होंने कहा कि यह बैठक पश्चिमी देशों को यह याद दिलाती है कि वैश्विक शक्ति संतुलन में क्या-क्या दांव पर लगे हुए हैं।
अमेरिका और यूरोप के लिए संदेश
फिनलैंड के राष्ट्रपति ने स्पष्ट किया कि उनका यह संदेश केवल यूरोपीय देशों के लिए नहीं, बल्कि अमेरिका सहित सभी पश्चिमी देशों के लिए है। उन्होंने कहा:
“अगर ग्लोबल साउथ के साथ सम्मान और सहयोग नहीं बढ़ाया गया, तो अमेरिका इस खेल में हार सकती है।”
अलेक्जेंडर स्टब और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प की दोस्ती
अलेक्जेंडर स्टब को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का करीबी माना जाता है। मार्च में फ्लोरिडा के मार-ए-लागो रिसॉर्ट में उनके बीच सात घंटे लंबा गोल्फ राउंड हुआ, जिससे उनकी दोस्ती और गहरी हुई।
- स्टब की ट्रम्प पर प्रभावशाली पकड़
- छोटे यूरोपीय देशों में अनोखी राजनीतिक पहुंच
- ट्रम्प प्रशासन में स्टब की महत्वपूर्ण भूमिका
फिनलैंड के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर स्टब का यह बयान वैश्विक राजनीति में भारत और ग्लोबल साउथ की बढ़ती भूमिका को दर्शाता है। यह स्पष्ट करता है कि पश्चिमी देशों को अपनी विदेश नीति में बदलाव लाना होगा और इन देशों के साथ सम्मानजनक और सहयोगी संबंध बनाने होंगे। ऐसा न करने पर अमेरिका जैसी महाशक्ति को भी वैश्विक रणनीतिक खेल में हार का सामना करना पड़ सकता है।