BY: Yoganand Shrivastva
करण जौहर की फिल्म ‘होमबाउंड’ के सिनेमेटोग्राफर प्रतीक शाह पर हाल ही में यौन दुर्व्यवहार और बदसलूकी के गंभीर आरोप लगे हैं। इस विवाद के सामने आने के बाद, धर्मा प्रोडक्शन पहले ही खुद को प्रतीक शाह से अलग कर चुका है। अब इस मामले में जाने-माने निर्देशक हंसल मेहता ने भी खुलकर प्रतिक्रिया दी है और गहन जांच की मांग की है।
कान्स में दिखाई गई थी ‘होमबाउंड’
‘होमबाउंड’ वही फिल्म है जिसका प्रीमियर कुछ ही दिन पहले कान्स फिल्म फेस्टिवल 2025 में हुआ था। इस मौके पर निर्देशक नीरज घायवान, निर्माता करण जौहर और कलाकार ईशान खट्टर, जान्हवी कपूर और विशाल जेठवा ने रेड कार्पेट पर शिरकत की थी। लेकिन अब फिल्म से जुड़े सिनेमेटोग्राफर प्रतीक शाह पर कई महिलाओं द्वारा गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
हंसल मेहता बोले: चुप्पी में पनपता है शोषण
हंसल मेहता ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर एक विस्तृत पोस्ट साझा करते हुए इस मामले पर नाराजगी जताई। उन्होंने लिखा:
“शोषण तब बढ़ता है जब लोग चुप रहते हैं। यह डर की स्थिति में फलता-फूलता है। जिनके पास ताकत है, अगर वे इसका गलत इस्तेमाल करते हैं तो उसकी जांच होनी ही चाहिए। अगर आरोप सही साबित होते हैं, तो दोषियों को तुरंत बेनकाब किया जाना चाहिए। लंबे समय से पीड़ितों की आवाज को दबाने के लिए ताकत, प्रभाव और डर का सहारा लिया गया है। अब इस खामोशी को खत्म करना होगा।”
शोषण सिर्फ यौन नहीं होता, मानसिक और भावनात्मक उत्पीड़न भी उतना ही गंभीर – मेहता
हंसल मेहता ने अपने बयान में यह भी कहा कि पावर का दुरुपयोग केवल पुरुषों तक सीमित नहीं है, कई बार महिलाएं भी उत्पीड़न की दोषी रही हैं। उन्होंने आगे कहा:
“शोषण के कई रूप हैं – यह हमेशा यौन नहीं होता। मानसिक, भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक शोषण भी उतना ही पीड़ादायक और हानिकारक हो सकता है। खासकर रचनात्मक क्षेत्रों में, कई बार यह जहरीला माहौल बन जाता है जिसे छुपाया जाता है।”
हंसल मेहता ने स्पष्ट किया कि कला या सृजनात्मक कार्य किसी की सुरक्षा या मानसिक स्वास्थ्य की कीमत पर नहीं होनी चाहिए। उन्होंने मांग की कि पीड़ितों को ऐसा सिस्टम मिलना चाहिए जो उनकी बात सुने और प्रभावी तरीके से कार्रवाई करे।