रिपोर्ट-शिवम अवस्थी, एडिट- विजय नंदन
फतेहपुर, यूपी। कल्यानपुर थाना क्षेत्र के रेवाड़ी खुर्द गांव में शुक्रवार को एक घर के अंदर पटाखा बनाने के दौरान भीषण विस्फोट हुआ। धमाका इतना तेज था कि पूरा घर क्षतिग्रस्त हो गया और गांव में अफरा-तफरी मच गई।
हादसे में हुई मौत और घायल
इस हादसे में 55 वर्षीय नूर मोहम्मद और उनकी 20 वर्षीय बेटी तायबा की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं, मृतक का 30 वर्षीय पुत्र अलीशेर और लक्ष्मणपुर निवासी गुड्डू यादव गंभीर रूप से झुलस गए, जिन्हें इलाज के लिए कानपुर रेफर किया गया।

पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई
धमाके की सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची। खुद पुलिस अधीक्षक अनूप सिंह ने घटनास्थल का निरीक्षण किया। प्रारंभिक जांच में पुष्टि हुई कि घर में पटाखा बनाने का काम चल रहा था।
एसपी ने बताया कि मृतक नूर मोहम्मद की पत्नी हसीना के नाम पटाखा बनाने का लाइसेंस था, लेकिन उसका नवीनीकरण प्रक्रिया में था। इस मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में थाना अध्यक्ष, हल्का प्रभारी और बीट के दो सिपाही को निलंबित कर दिया गया है। पुलिस ने दोनों शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और आगे की कार्रवाई जारी है।
घरों के अंदर अवैध पटाखा निर्माण हो रहा है ?
- घरेलू और छोटे स्तर की फैक्ट्रियाँ:
कई इलाकों में लोग घरों के अंदर ही पटाखा बनाने का काम कर रहे हैं, अक्सर बिना लाइसेंस या पुराने लाइसेंस के। फतेहपुर में हुए विस्फोट में भी यही स्थिति थी। - सुरक्षा मानकों की अनदेखी:
अधिकांश अवैध पटाखा फैक्ट्रियों में सुरक्षा नियमों का पालन नहीं होता। विस्फोट और आग लगने की घटनाएँ लगातार सामने आ रही हैं। - प्रशासनिक नियंत्रण कमजोर:
राज्य में कई मामलों में यह देखा गया है कि प्रशासनिक निगरानी पर्याप्त नहीं है। लाइसेंस रिन्यूअल प्रक्रिया लंबी होने या लापरवाही के कारण गैरकानूनी गतिविधियाँ बिना रोक-टोक जारी रहती हैं। - फतेहपुर की कार्रवाई एक चेतावनी:
इस घटना के बाद थाना अध्यक्ष और कुछ पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया। इससे यह संकेत मिलता है कि प्रशासन इस बार सख्ती से कार्रवाई करने की कोशिश कर रहा है, लेकिन व्यापक स्तर पर नियमों का पालन सुनिश्चित करना अभी भी चुनौती है।
उत्तर प्रदेश में अवैध पटाखा फैक्ट्रियों की समस्या सिर्फ़ फतेहपुर तक सीमित नहीं है। कई जिले, खासकर ग्रामीण और छोटे कस्बों में यह लगातार जारी है। प्रशासन को चाहिए कि सख्त निगरानी, नियमित निरीक्षण और दोषियों पर कानूनी कार्रवाई करके ऐसी घटनाओं को रोका जाए।