संवाददाता : संतोष सरावगी
डबरा : किसानों की विभिन्न समस्याओं के समाधान को लेकर भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) एवं संयुक्त किसान मोर्चा के पदाधिकारियों ने शहर के खेड़ापति हनुमान मंदिर पर एक बैठक की। बैठक में प्रदेशभर के किसानों को हो रही परेशानियों पर विस्तार से चर्चा की गई।
बैठक के दौरान अतिवृष्टि, खाद संकट, बिजली की अघोषित कटौती, भूमि अधिग्रहण और धान की पराली जलाने जैसे मुद्दे प्रमुख रूप से उठाए गए। किसान नेताओं ने प्रदेश सरकार से मांग की कि किसानों पर दर्ज सभी मुकदमे वापस लिए जाएं।
संगठन ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नाम तहसीलदार को सौंपे ज्ञापन में धान का समर्थन मूल्य ₹3,300 प्रति क्विंटल करने की मांग दोहराई, जिसका वादा सरकार ने चुनाव के दौरान किया था।
किसानों ने कहा कि प्रदेश में खाद और बीज की कमी से किसान अब भी जूझ रहे हैं। समय पर पर्याप्त भंडारण न होने के कारण नकली खाद का प्रचलन बढ़ रहा है, जिस पर प्रशासन को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। यदि जल्द समाधान नहीं हुआ तो संगठन को आंदोलन करने के लिए बाध्य होना पड़ेगा।
बैठक में यह भी कहा गया कि किसानों को अपराधी नहीं, बल्कि सहयोगी के रूप में देखा जाए। पराली निपटान के लिए आवश्यक मशीनरी पर सरकार अनुदान उपलब्ध कराए। आत्महत्या करने वाले किसानों के परिवारों को तत्काल सहायता दी जाए, परिजनों को पर्याप्त मुआवजा और एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए।
संगठन ने कपास की फसल में हुए नुकसान की भरपाई सरकार से मुआवजे के रूप में करने की मांग की, साथ ही मुक्त व्यापार समझौते (Free Trade Agreement) से किसानों पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभाव से उन्हें बचाने की अपील की।
अंत में किसान संगठनों ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने उनकी मांगों पर शीघ्र कार्रवाई नहीं की, तो प्रदेशभर में आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जाएगी।





