BY: Yoganand Shrivastva
- अखिलेश यादव की बेटी के नाम पर फर्जी फेसबुक पेज और विवादित पोस्ट
- समाजवादी पार्टी प्रमुख ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर जताई कड़ी नाराजगी
- पोस्ट को बताया राजनीतिक और आर्थिक साजिश का हिस्सा
- योगी सरकार पर साइबर सिक्योरिटी को लेकर उठाए सवाल
फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट से भड़के अखिलेश यादव
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपनी बेटी के नाम पर बनाए गए फर्जी फेसबुक पेज और उस पर किए गए विवादित पोस्ट पर गहरी नाराजगी जाहिर की है।
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (Twitter) पर सार्वजनिक रूप से अपनी चिंता और गुस्से का इज़हार किया। उनका कहना है कि इस तरह की हरकतें सोची-समझी राजनीतिक साजिश का हिस्सा हैं।
अखिलेश यादव की पोस्ट: सीधी चेतावनी
अखिलेश ने एक्स पर लिखा:
“24 घंटे पूरे हो चुके हैं। इसे हमारी FIR से कम न समझा जाए।”
उन्होंने बताया कि सोशल मीडिया पर उनकी बेटी के नाम पर कई भ्रामक और आपत्तिजनक पोस्ट वायरल हो रही हैं। साथ ही, समाजवादी पार्टी के नेताओं और उनके परिवार से जुड़े लोगों की तस्वीरों और नामों का भी दुरुपयोग हो रहा है।
सोशल मीडिया पर फैल रही साजिश: अखिलेश की दलील
अखिलेश यादव ने इस पूरे घटनाक्रम को एक सुनियोजित साजिश करार दिया। उन्होंने कहा:
- यह किसी शातिर दिमाग की राजनीतिक या आर्थिक योजना हो सकती है
- कुछ लोग अनजाने में इस्तेमाल हो रहे हैं, जिन्हें नहीं पता कि उनके नाम और तस्वीरों का कोई अपना मतलब निकालने के लिए दुरुपयोग कर रहा है
- इन पोस्टों से न अखिलेश का, न उनके परिवार का और न ही समाजवादी पार्टी का कोई लेना-देना है
साइबर सुरक्षा पर योगी सरकार को घेरा
अखिलेश यादव ने सीधे तौर पर योगी सरकार की साइबर सिक्योरिटी सेल पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा:
“अगर बीजेपी सरकार की साइबर सेल चाहे, तो 24 घंटे नहीं, 24 मिनट में इन लोगों को पकड़ सकती है। लेकिन उन्हें ऊपर से आदेश का इंतज़ार है।”
उनका आरोप है कि सरकार की निष्क्रियता और राजनीतिक मिलीभगत के कारण ऐसे असामाजिक तत्व बेखौफ होकर फर्जीवाड़ा कर रहे हैं।
क्या कहता है कानून?
भारत में आईटी एक्ट 2000 के तहत किसी की पहचान का दुरुपयोग करना अपराध है। सोशल मीडिया पर किसी के नाम और तस्वीरों का फर्जी उपयोग करने पर:
- धारा 66C और 66D के तहत केस दर्ज हो सकता है
- सजा के रूप में 3 साल तक की जेल और जुर्माना हो सकता है
अखिलेश यादव की FIR का सीधा संकेत है कि इस पर कानूनी कार्रवाई जल्द हो सकती है।