रिपोर्ट- सरताज खान, BY: Vijay Nandan
फर्रुखाबाद: प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को और सशक्त करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने फर्रुखाबाद जिले को 17 नई एम्बुलेंस की सौगात दी है। सोमवार को डॉ. राममनोहर लोहिया अस्पताल परिसर में आयोजित कार्यक्रम में इन एम्बुलेंसों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया।
इस मौके पर भाजपा सांसद मुकेश राजपूत, जिलाधिकारी आशुतोष कुमार द्विवेदी, विधायक सुशील शाक्य, सीएमओ डॉ. अवनींद्र कुमार और अन्य अधिकारी मौजूद रहे। सांसद मुकेश राजपूत ने जानकारी दी कि जिले को 108 एम्बुलेंस सेवा के तहत 8 और 102 सेवा के तहत 9 नई एम्बुलेंसें मिली हैं।
उन्होंने बताया कि 102 सेवा के तहत आई एम्बुलेंसों से अब गर्भवती महिलाओं को समय से अस्पताल पहुंचाने में कोई दिक्कत नहीं होगी। यह एम्बुलेंसें अधिकतम 6 मिनट में मौके पर पहुंच जाएंगी। वहीं 108 एम्बुलेंस सेवा से दुर्घटना या गंभीर बीमारी से पीड़ित मरीजों को त्वरित सहायता मिलेगी।
एम्बुलेंस प्रभारी विजय चौहान ने बताया कि कॉल करने के बाद अधिकतम 6 मिनट के भीतर एम्बुलेंस सेवा उपलब्ध कराने का लक्ष्य है, जिससे मरीजों की जान बचाने में और मदद मिलेगी।

उत्तर प्रदेश में बेहतर होती स्वास्थ्य सेवाएं
उत्तर प्रदेश में बीते कुछ वर्षों में स्वास्थ्य सेवाओं की तस्वीर तेजी से बदली है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में राज्य सरकार ने ग्रामीण से लेकर शहरी क्षेत्रों तक स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत करने के लिए कई ठोस कदम उठाए हैं। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों से लेकर जिला अस्पतालों तक के ढांचे को आधुनिक तकनीक और संसाधनों से लैस किया गया है।
एम्बुलेंस सेवाओं में सुधार
राज्य में 102 और 108 एम्बुलेंस सेवाओं को न केवल बढ़ाया गया है, बल्कि इनकी जवाबदेही और पहुंच समय में भी सुधार हुआ है। हाल ही में फर्रुखाबाद समेत कई जिलों को नई एम्बुलेंसें प्रदान की गईं, जिससे दुर्घटना, गर्भवती महिलाओं और गंभीर रोगियों को समय पर इलाज मिल सके।
जन आरोग्य योजना का लाभ
‘आयुष्मान भारत – प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना’ के ज़रिए लाखों गरीब परिवारों को निशुल्क इलाज की सुविधा मिल रही है। सरकारी और सूचीबद्ध निजी अस्पतालों में 5 लाख रुपये तक का कैशलेस इलाज अब हकीकत बन चुका है।
स्वास्थ्य केंद्रों का आधुनिकीकरण
प्रदेश में हजारों प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को अपग्रेड किया गया है। इन केंद्रों में डॉक्टरों की तैनाती, जांच सुविधाएं, और दवाओं की उपलब्धता में व्यापक सुधार देखा गया है।
मातृ-शिशु स्वास्थ्य पर खास फोकस
जननी सुरक्षा योजना और 102 सेवा के माध्यम से गर्भवती महिलाओं को अस्पताल तक पहुंचाने और सुरक्षित प्रसव के प्रयासों में बड़ा असर दिखा है। संस्थागत प्रसव की दर में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जिससे मातृ और शिशु मृत्यु दर में गिरावट आई है।
डिजिटल हेल्थ सेवाएं
ई-हॉस्पिटल, ऑनलाइन अपॉइंटमेंट, टेली-मेडिसिन जैसी सुविधाएं अब कई जिलों में शुरू हो चुकी हैं। इससे मरीजों को लंबी कतारों से छुटकारा मिला है और विशेषज्ञ डॉक्टरों से परामर्श की सुविधा घर बैठे उपलब्ध हो रही है।
उत्तर प्रदेश अब उस दौर से बाहर निकल चुका है जब स्वास्थ्य सेवाएं केवल नाम मात्र की थीं। राज्य सरकार की प्राथमिकता में स्वास्थ्य क्षेत्र का सुधार सबसे ऊपर है और इसके परिणाम अब ज़मीन पर भी साफ़ दिखने लगे ह
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