BY: Yoganand Shrivastva
पटना, बिहार में इस साल प्रस्तावित विधानसभा चुनाव से पहले चल रहे स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) अभियान के दौरान एक बड़ा खुलासा हुआ है। राज्य की मतदाता सूची की गहन समीक्षा में नेपाल, बांग्लादेश और म्यांमार के नागरिकों के नाम भी दर्ज पाए गए हैं, जिसे लेकर प्रशासन और चुनाव आयोग सतर्क हो गया है।
क्या है SIR अभियान?
SIR यानी गहन पुनरीक्षण अभियान, चुनाव आयोग की एक विशेष पहल है, जिसमें बूथ स्तर के अधिकारी (BLO) घर-घर जाकर मतदाता सूची की पुष्टि और दस्तावेजों की जांच कर रहे हैं। यह अभियान 24 जून 2025 को शुरू हुआ था और 25 जुलाई तक फॉर्म जमा करने की अंतिम तारीख है।
कैसे हुआ विदेशी नागरिकों का पता?
जमीनी स्तर पर BLO की रिपोर्ट में सामने आया है कि कई जगहों पर नेपाल, बांग्लादेश और म्यांमार से आए लोगों के नाम भी वोटर लिस्ट में दर्ज मिले हैं। आयोग के अनुसार, यह स्थिति विशेष रूप से उन क्षेत्रों में देखने को मिली है जो सीमावर्ती और घनी आबादी वाले हैं। इन मामलों की सघन जांच के बाद 1 अगस्त के बाद ऐसे संदिग्ध नामों को हटाने की प्रक्रिया शुरू होगी।
मतदाता सूची से बाहर होंगे अवैध नाम
चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि सभी संदिग्ध व्यक्तियों की नागरिकता और उम्र संबंधी दस्तावेजों की सत्यता की पुष्टि के बाद ही उन्हें 30 सितंबर को प्रकाशित होने वाली अंतिम मतदाता सूची में शामिल किया जाएगा या नहीं, इसका निर्णय लिया जाएगा।
किन लोगों को देना होगा सबूत?
- जिनका नाम 1 जनवरी 2003 से पहले की मतदाता सूची में दर्ज है, उन्हें केवल गणना पत्र (Enumeration Form) देना होगा।
- जो 2003 के बाद मतदाता बने हैं या पहली बार नाम जोड़ रहे हैं, उन्हें उम्र और भारतीय नागरिकता साबित करने वाले दस्तावेज देने होंगे।
- दस्तावेज 1 सितंबर 2025 तक जमा किए जा सकते हैं।
बिहार में कब हो सकते हैं चुनाव?
बिहार विधानसभा का मौजूदा कार्यकाल 22 नवंबर 2025 को खत्म हो रहा है। ऐसे में चुनाव आयोग को इससे पहले चुनाव प्रक्रिया पूरी करनी होगी। चुनाव संभवतः अक्टूबर या नवंबर 2025 में दो से तीन चरणों में कराए जा सकते हैं। हालांकि, अब तक आधिकारिक तारीखों की घोषणा नहीं हुई है। उम्मीद है कि दिवाली और छठ पूजा जैसे महत्वपूर्ण त्योहारों को ध्यान में रखते हुए ही मतदान की तिथियां तय की जाएंगी।