BY: Yoganand Shrivastva
मुंबई। शिवसेना (UBT) के सांसद संजय राउत ने उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनकी टीम पर जोरदार हमला बोला। प्रेस कॉन्फ्रेंस में राउत ने शिंदे-सहयोगियों की आलोचना करते हुए कई तीखे बयान दिए और पार्टी के भीतर हालिया घटनाओं पर अपने कड़े रुख़ को दोहराया।
राउत ने आरोपों को विवादित करार देते हुए कहा कि गद्दारियों के आरोप बेबुनियाद हैं और कुछ नामों को लेकर उठाए जा रहे दावे गलत संदर्भ में पेश किए जा रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि कुछ नेता — जिनका जिक्र किया जा रहा है — पहले से ही पार्टी के साथ जुड़े हुए हैं और उनकी मौजूदगी से शिंदे की वर्तमान स्थिति बनी है। राउत ने शिंदे की मानसिकता पर कटाक्ष करते हुए कहा कि वह निचले स्तर की सोच रखते हैं और इस पर और चर्चा करने की जरूरत नहीं है।
राउत ने यह भी पूछा कि किसने किसे टिकट दिया था और उदाहरण देते हुए कहा कि सतीश प्रधान को कभी-कभी बालासाहेब ठाकरे ने ही उम्मीदवार बनाया था — तब शिंदे कहां थे। उन्होंने कहा कि कुछ लोग धीरे-धीरे भाजपा से जुड़े जा रहे हैं और उन पर यह आरोप भी लगाए कि वे अपने राजनीतिक परिवेश बदल रहे हैं।
सांसद ने स्पष्ट किया कि वे ठाणे जाने से नहीं डरते और हाल ही में वह ठाणे से होकर बिना किसी सरकारी सुरक्षा के भी गुज़रे हैं। उन्होंने कहा कि वे शिवसेना के नेता हैं और जहां वे चाहेंगे, वहां जाएंगे। राउत ने यह भी कहा कि किसी को धमकाने की कोशिश न करें — उन्होंने याद दिलाया कि पहले भी उन्होंने दबाव झेला है पर पीछे नहीं हटे।
ट्रांसपोर्ट और इंफ्रा से जुड़ी योजनाओं पर भी राउत ने सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि बुलेट-ट्रेन के मुद्दे पर उनकी पार्टी का विरोध जारी रहेगा क्योंकि यह मांग कभी नहीं की गई। साथ ही उन्होंने केंद्र-सरकार से यह पूछा कि क्यों दिल्ली-मुंबई को जोड़ने का विकल्प नहीं चुना गया जबकि मुंबई-गुजरात को जोड़ने की जल्दी दिखाई जा रही है।
राउत ने उद्धव ठाकरे के आगामी जनसभाओं का भी हवाला दिया और कहा कि 4 अक्टूबर को उद्धव ठाकरे पुणे और मराठवाड़ा के दौरे पर रहेंगे। उन्होंने विधानसभा और सार्वजनिक मंचों पर शिष्टाचार बनाए रखने का आह्वान करते हुए विरोध को मर्यादा में रहने की सलाह दी।