BY: Yoganand Shrivastva
वॉशिंगटन: अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीतियों का असर अब साफ नजर आने लगा है। अगस्त 2025 में केवल 22,000 नई नौकरियां बनीं, जबकि बेरोजगारी दर 4.3% तक पहुंच गई है। फैक्ट्रियों, निर्माण और तेल क्षेत्रों में हजारों नौकरियां घट गई हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि ट्रंप की रणनीति अर्थव्यवस्था के लिए नुकसानदायक साबित हो रही है।
रिपोर्ट के मुताबिक, जून में अमेरिका में 13,000 नौकरियां घट चुकी थीं, जो दिसंबर 2020 के बाद पहली मासिक गिरावट थी। फैक्ट्रियों और निर्माण क्षेत्र में भारी कमी देखी गई है। ट्रंप ने 2024 में कहा था कि उनकी टैरिफ नीतियां रोजगार और फैक्ट्रियों को बढ़ाएंगी, लेकिन अब तक मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में 42,000 और निर्माण क्षेत्र में 8,000 नौकरियां कम हो चुकी हैं। तेल और गैस क्षेत्र में भी 12,000 नौकरियां घट गई हैं।
महंगाई दर भी बढ़कर 2.7% हो गई है, जबकि बिजली की कीमतें इस साल 4.6% तक बढ़ चुकी हैं। टैरिफ पॉलिसी की वजह से बड़ी कंपनियां जैसे वॉलमार्ट और प्रॉक्टर एंड गैंबल कीमतें बढ़ाने को मजबूर हुई हैं। ट्रंप ने आर्थिक मंदी के लिए फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल को जिम्मेदार ठहराया।
ट्रंप की आप्रवासन नीतियों ने श्रमिकों की कमी को और बढ़ाया। ब्लैक समुदाय की बेरोजगारी दर 7.5% तक पहुंच गई है, जो अक्टूबर 2021 के बाद सबसे अधिक है। इसके अलावा, ट्रंप ने पिछले महीने खराब जॉब्स रिपोर्ट के बाद BLS की कमिश्नर एरिका मैकएंटारफर को बर्खास्त कर दिया था।
व्हाइट हाउस के आर्थिक सलाहकार केविन हैसेट का कहना है कि यह आंकड़ा अस्थायी है और अर्थव्यवस्था जल्द ही रफ्तार पकड़ेगी। हालांकि, प्रोग्रेसिव सीनेटर एलिज़ाबेथ वॉरेन और डेमोक्रेट सीनेटर चक शूमर ने ट्रंप की टैरिफ और अन्य नीतियों को जॉब मार्केट और अर्थव्यवस्था के लिए नुकसानदायक बताया।