दुर्ग। जिले के ग्राम रुदा में जल जीवन मिशन योजना के तहत बनी पानी की टंकी आज ग्रामीणों की प्यास बुझाने की बजाय भ्रष्टाचार और लापरवाही का प्रतीक बन गई है। करोड़ रुपये की लागत से बनी यह अधूरी टंकी ग्रामीणों के लिए परेशानी का कारण तो है ही, अब यह युवाओं का सेल्फी पॉइंट भी बन चुकी है, जिससे गंभीर हादसों का खतरा मंडरा रहा है।
अधूरी टंकी ने खोली पोल
ग्रामीणों के मुताबिक,
- टंकी पर कॉलम, बीम और स्लैब पर ही बजट खर्च कर दिया गया।
- पानी स्टोर करने के लिए जरूरी वर्टिकल वॉल बनाई ही नहीं गई।
- जब ग्रामीणों ने सवाल किया, तो अधिकारियों ने कहा कि टंकी बाद में अलग से बनाई जाएगी।
इससे साफ है कि ठेकेदार और अधिकारियों की मिलीभगत से सरकारी धन का दुरुपयोग हुआ है।
जान का खतरा
अधूरी और कमजोर टंकी शाम होते ही युवाओं के लिए फोटो खिंचवाने का अड्डा बन जाती है। ग्रामीणों ने बताया कि
- टंकी इतनी कमजोर है कि हल्का धक्का लगने पर भी हिलने लगती है।
- इससे निर्माण की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल उठते हैं।
सरपंच का आरोप
गांव के सरपंच ने कहा,
“अगर टंकी सही से बनाई जाती तो गर्मी के दिनों में ग्रामीणों को पानी की किल्लत से राहत मिलती। लेकिन भ्रष्टाचार के कारण हमें आज भी दूर-दूर से पानी लाना पड़ रहा है।”
अन्य गांवों में भी हालात खराब
यह मामला सिर्फ रुदा गांव का नहीं है। दुर्ग के नगपुरा गांव में भी जल जीवन मिशन के तहत बनी टंकी अधूरी पड़ी है।
ग्रामीणों का कहना है कि यह खुली लूट का प्रतीक है और इसकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए।