दुमका: उपायुक्त अभिजीत सिन्हा के निर्देश पर जिला बाल संरक्षण इकाई और एकीकृत पुनर्वास सह संसाधन केंद्र (सीआरसी), न precautionary measuresई दिल्ली की सहायता से बाल तस्करी की शिकार पांच बालिकाओं को मुक्त कराकर दुमका लाया गया। स्वयंसेवी संस्था जन साहस, दुमका ने जिला बाल संरक्षण इकाई को सूचित किया था कि मानव तस्करों द्वारा इन बालिकाओं को दिल्ली की प्लेसमेंट एजेंसियों में बेच दिया गया था और उनके साथ मारपीट व प्रताड़ना की जा रही थी।
जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी प्रकाश चंद्र ने बताया कि उपायुक्त के आदेश पर त्वरित कार्रवाई करते हुए सहायक निदेशक सुचिता किरण भगत ने एक टीम गठित की। इस टीम ने सीआरसी, नई दिल्ली के सहयोग से दिल्ली के विभिन्न बाल गृहों से दो दुमका, दो साहेबगंज और एक पाकुड़ जिले की बालिकाओं को मुक्त कराया। इन बालिकाओं को दुमका लाकर बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) के समक्ष प्रस्तुत किया गया।

सीडब्ल्यूसी ने सभी बालिकाओं को ‘चाइल्ड इन नीड ऑफ केयर एंड प्रोटेक्शन’ (सीएनसीपी) घोषित करते हुए उन्हें बाल गृह में आवासित करने का आदेश दिया। डीसीपीओ ने बताया कि मानव तस्कर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई है और एक तस्कर को जेल भेज दिया गया है।
इस अभियान में जिला बाल संरक्षण इकाई की दीपा साहू, प्रमिला टुडू, नैय्यर सुल्तान और जन साहस के रविंद्र यादव व प्रेम मोहली ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।