BY: Yoganand Shrivastva
इंदौर, मध्यप्रदेश की औद्योगिक राजधानी इंदौर में एक शांत मोहल्ला बुधवार की रात अचानक हंगामे से गूंज उठा, जब नशे में धुत दो युवक युवतियों से मिलने पहुंचे और मोहल्ले में शोरगुल करने लगे। रहवासियों ने इसका विरोध किया, तो मामला और बिगड़ गया। दोनों युवकों को पुलिस ने हिरासत में लिया, लेकिन थोड़ी देर बाद वहां युवतियां भी पहुंच गईं और पुलिस से उलझने लगीं। इस पूरे घटनाक्रम ने रात को अफरा-तफरी का माहौल बना दिया। मामला संयोगितागंज थाना क्षेत्र के पारसी मोहल्ला इलाके का है।
शराब के नशे में पहुंचे थे मिलने, मोहल्ले में हुआ शोरशराबा
घटना रात करीब 11 बजे की बताई जा रही है। पारसी मोहल्ला एक शांत और मध्यमवर्गीय इलाका है, जहां परिवारों की आवाजाही ज़्यादा है। उसी रात अचानक दो युवक बाइक पर मोहल्ले में दाखिल हुए और वहां रहने वाली दो युवतियों से मिलने लगे।
स्थानीय लोगों के अनुसार, दोनों युवक नशे की हालत में थे और तेज आवाज़ में बातें कर रहे थे, जिससे पूरे इलाके में शोर मच गया। जब मोहल्ले के कुछ बड़े-बुजुर्गों ने विरोध जताया और समझाने की कोशिश की, तो युवक बहस करने लगे और अपशब्द कहने लगे। इसी बीच किसी ने पुलिस को फोन कर दिया।
पुलिस ने किया हस्तक्षेप, पर मामला और उलझा
संयोगितागंज थाने से पुलिस टीम मौके पर पहुंची और युवकों को समझा-बुझाकर थाने ले जाने की कोशिश की। हेड कॉन्स्टेबल सचिन शर्मा ने दोनों को बाइक पर बैठाया ही था कि तभी अचानक युवतियां भी घटनास्थल पर पहुंच गईं।
पुलिस को अंदाजा नहीं था कि बात यहीं खत्म नहीं होगी। युवतियों ने जैसे ही पुलिस को देखा, उन्होंने युवकों को अपना जानकार बताते हुए उन्हें छोड़ने की मांग की। ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों से बहस शुरू हो गई, और मामला थाने तक खिंच गया।
थाने में भी हुआ विवाद, बुलाना पड़ा महिला स्टाफ
थाने पहुंचने पर भी युवतियों का आक्रामक रवैया जारी रहा। उन्होंने पुलिसकर्मियों से तेज़ आवाज़ में बहस की और अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया। पुलिसकर्मियों को स्थिति को संभालने के लिए महिला पुलिस स्टाफ को बुलाना पड़ा।
महिला स्टाफ ने युवतियों को संयम बरतने और कानून व्यवस्था में बाधा न डालने की हिदायत दी। थोड़ी देर की फटकार और समझाइश के बाद स्थिति सामान्य हुई।
पुलिस ने दर्ज किया केस, युवकों को भेजा हिरासत में
पुलिस जांच में सामने आया कि पकड़े गए युवकों में से एक कृष्णा, जो छिंदवाड़ा का निवासी है, और दूसरा कुलदीप, जो राजगढ़ से है, दोनों छात्र हैं और हीरानगर में रहकर पढ़ाई करते हैं।
पुलिस ने दोनों युवकों पर पारसी मोहल्ले के रहवासियों की शिकायत और शांति भंग करने के आरोप में मारपीट, अभद्रता और हंगामा करने की धाराओं के तहत केस दर्ज किया है।
वहीं, युवतियों को उनके परिजनों से बातचीत के बाद समझाइश देकर छोड़ दिया गया।
मोहल्ले में चर्चा का विषय बनी घटना, लोगों में आक्रोश
घटना के बाद पारसी मोहल्ले में रहवासियों के बीच यह मुद्दा चर्चा का विषय बना हुआ है। कुछ लोगों ने कहा कि युवतियों का देर रात इस तरह का व्यवहार सामाजिक दृष्टिकोण से ठीक नहीं है, जबकि अन्य का मानना है कि पुलिस को ऐसे मामलों में कठोर रुख अपनाना चाहिए।
पुलिस का रुख, आगे की कार्रवाई पर नजर
संयोगितागंज पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और मोहल्ले में लगे CCTV कैमरों की फुटेज भी खंगाली जा रही है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि अगर जरूरत पड़ी तो युवतियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जा सकती है, क्योंकि उन्होंने ड्यूटी पर मौजूद अधिकारियों से अभद्रता की थी।
सवाल जो समाज के सामने खड़े होते हैं
- क्या सार्वजनिक स्थानों पर नशे में इस तरह का व्यवहार अब आम होता जा रहा है?
- क्या युवतियों द्वारा पुलिस से बहस करना महिला अधिकारों की आड़ में अनुशासनहीनता नहीं बनता जा रहा है?
- क्या ऐसे मामलों में सिर्फ पुरुषों पर कार्रवाई करके हम संतुलित न्याय कर रहे हैं?
इंदौर की यह घटना केवल एक पुलिस केस नहीं, बल्कि एक सामाजिक चेतावनी है — कि कैसे आधुनिकता की दौड़ में कुछ युवा सीमाएं लांघ रहे हैं, और कानून का सामना कर रहे हैं। पुलिस की तत्परता इस मामले में सराहनीय रही, लेकिन समाज को भी सोचने की जरूरत है कि आखिर ऐसी घटनाएं क्यों बढ़ रही हैं?





