BY: Yoganand Shrivastva
दिव्या भारती, हिंदी सिनेमा की उन गिनी-चुनी अभिनेत्रियों में रही हैं जिन्होंने बेहद कम समय में अपार लोकप्रियता हासिल कर ली थी। 1990 में तेलुगु फिल्म बॉब्बिली राजा से शुरुआत करने के बाद उन्होंने 1992 में सनी देओल के साथ विश्वात्मा से बॉलीवुड में कदम रखा। केवल चार वर्षों के करियर में ही उन्होंने ऐसा असर छोड़ा कि आज भी उनकी यादें लोगों के दिलों में ताज़ा हैं। दुर्भाग्य से, 1993 में उनका असमय निधन हो गया।
उनकी दूसरी कजिन कायनात अरोड़ा ने भी फिल्मी दुनिया में अपनी पहचान बनाने की कोशिश की, लेकिन उन्हें वैसी सफलता नहीं मिली जैसी दिव्या को मिली थी। हाल ही में एक इंटरव्यू में कायनात ने अपने करियर, संघर्ष और इंडस्ट्री से जुड़ी कुछ चौंकाने वाली बातें साझा कीं।

संजय दत्त और अजीत कुमार की सलाह
कायनात अरोड़ा ने आईएएनएस से बातचीत में बताया कि अगर वह दिव्या भारती की रिश्तेदार न होतीं, तो शायद उनका करियर अलग दिशा में जाता। उन्होंने खुलासा किया कि उन्हें न केवल तमिल सुपरस्टार अजीत कुमार बल्कि बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता संजय दत्त ने भी इंडस्ट्री छोड़ने की सलाह दी थी।
कायनात के मुताबिक, मनकथा फिल्म के दौरान अजीत कुमार ने उनसे कहा था,
“तुम बहुत सादा स्वभाव की हो। इस इंडस्ट्री में बने रहने के लिए हमेशा तैयार रहना होगा, क्योंकि यहाँ सफर आसान नहीं है।”
वहीं, संजय दत्त ने भी उन्हें यह सोचने के लिए कहा था कि क्या उन्हें वास्तव में इस दुनिया में रहना चाहिए।
दिव्या भारती का नाम बना बाधा
कायनात का मानना है कि दिव्या भारती का नाम उनके लिए प्रेरणा भी है और एक तरह की चुनौती भी। उनका कहना है,
“अगर मैं दिव्या जी की कजिन न होती, तो मेरा करियर शायद अलग और बेहतर होता। फिर भी, मैं उनकी सबसे बड़ी प्रशंसक हूँ।”

करियर की शुरुआत और फिल्में
कायनात अरोड़ा का असली नाम चारू अरोड़ा है। उन्होंने 2010 में अक्षय कुमार की फिल्म खट्टा मीठा से बॉलीवुड में कदम रखा। इसमें अक्षय के साथ तृषा कृष्णन मुख्य भूमिका में थीं।
इसके बाद कायनात ग्रैंड मस्ती, लैला ओ लैला और फरार जैसी फिल्मों में दिखाई दीं। हालांकि, इन फिल्मों से उन्हें वह मुकाम नहीं मिला जिसकी उन्होंने उम्मीद की थी।