BY: Yoganand Shrivastva
बागपत, उत्तर प्रदेश, उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में क्रिकेट जैसे मामूली मुद्दे ने एक दर्दनाक मोड़ ले लिया, जब एक सरकारी शिक्षक ने हेड कॉन्स्टेबल को गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया। यह चौंकाने वाली घटना खेकड़ा थाना क्षेत्र के सुन्हैड़ा गांव में सामने आई। मृतक की पहचान अजय के रूप में हुई है, जो उत्तर प्रदेश पुलिस में हेड कॉन्स्टेबल के पद पर तैनात थे।
हत्या का आरोप गांव के ही रहने वाले सरकारी प्राथमिक शिक्षक मोहित पर लगा है। जानकारी के मुताबिक, दोनों आरोपी—मृतक और शिक्षक—सहारनपुर में तैनात थे और कुछ दिन पहले गांव में क्रिकेट खेलने को लेकर दोनों के बीच विवाद हुआ था, जो बाद में खून-खराबे में बदल गया।
हत्या के बाद आरोपी हुआ फरार
घटना के बाद इलाके में अफरा-तफरी फैल गई। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। हत्या की खबर जैसे ही इलाके में फैली, ग्रामीणों में आक्रोश बढ़ गया। प्रशासन ने हालात की गंभीरता को देखते हुए वरिष्ठ अधिकारियों को मौके पर रवाना किया और मामले की उच्चस्तरीय जांच के निर्देश दिए।
इस बीच आरोपी शिक्षक मोहित घटना को अंजाम देकर फरार हो गया, जिसके बाद पुलिस ने उसकी सघन तलाश शुरू कर दी।
सुबह जंगल में हुआ एनकाउंटर, आरोपी गिरफ्तार
घटना के अगले दिन मंगलवार सुबह, खेकड़ा कोतवाली क्षेत्र के सुन्हैड़ा गांव के पास स्थित जंगल में पुलिस और आरोपी शिक्षक मोहित के बीच मुठभेड़ हो गई। इस मुठभेड़ में पुलिस की जवाबी कार्रवाई में मोहित के दोनों पैरों में गोली लगी। घायल अवस्था में उसे तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसका इलाज जारी है।
मुठभेड़ स्थल से हत्या में प्रयुक्त देशी तमंचा और कारतूस भी बरामद किए गए हैं।
एसपी का बयान: जानबूझकर की गई हत्या, सख्त कार्रवाई होगी
बागपत के पुलिस अधीक्षक (SP) सूरज कुमार राय ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि प्रारंभिक जांच में यह स्पष्ट है कि आरोपी ने हेड कॉन्स्टेबल अजय की सोची-समझी साजिश के तहत हत्या की थी। उन्होंने कहा कि आरोपी को मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया गया है और उसके पास से हथियार भी जब्त कर लिया गया है।
एसपी राय ने यह भी कहा कि,
“ऐसे अपराधियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। आरोपी के खिलाफ सख्त से सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। कानून का राज कायम रखना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।”
गांव में पसरा मातम, पुलिस पर उठे सवाल
इस घटना ने पूरे गांव को सदमे में डाल दिया है। ग्रामीणों का कहना है कि शिक्षक और हेड कॉन्स्टेबल दोनों गांव के पुराने जानकार थे, लेकिन मामूली बात पर इतना बड़ा कदम उठाना आश्चर्यजनक और दुखद है।
वहीं कुछ लोगों ने सवाल उठाए कि यदि दोनों सरकारी पदों पर कार्यरत थे, तो इतनी गंभीर मानसिकता कैसे बन गई? क्या दोनों के बीच पहले से कोई पुरानी दुश्मनी थी? इन तमाम पहलुओं की जांच पुलिस कर रही है।
खेल का मैदान बना मौत का मैदान
जहां क्रिकेट आमतौर पर लोगों को जोड़ने वाला खेल माना जाता है, वहीं बागपत की यह घटना बताती है कि जब अहंकार, ईगो और गुस्से का मेल होता है, तो किसी भी साधारण चीज़ का अंजाम बेहद खतरनाक हो सकता है।
सरकारी शिक्षक और पुलिसकर्मी जैसे जिम्मेदार पदों पर बैठे लोगों से समाज को अनुशासन और विवेक की उम्मीद होती है, लेकिन जब ऐसे लोग ही कानून हाथ में लें, तो सवाल व्यवस्था पर भी उठते हैं।