भारत में शिक्षक दिवस 2025 का जश्न बड़े उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। इस खास मौके पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देशभर के शिक्षकों को बधाई दी और उन्हें समाज का मार्गदर्शक व राष्ट्र का भविष्य निर्माता बताया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार विजेताओं से मुलाकात कर उनका सम्मान बढ़ाया।
शिक्षक दिवस का महत्व
हर साल 5 सितंबर को डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती पर शिक्षक दिवस मनाया जाता है। डॉ. राधाकृष्णन भारत के महान शिक्षाविद्, दार्शनिक और देश के दूसरे राष्ट्रपति रहे हैं। उनकी जयंती इस बात का प्रतीक है कि शिक्षक केवल शिक्षा देने वाले नहीं, बल्कि जीवन को दिशा देने वाले होते हैं।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का संदेश
राष्ट्रपति मुर्मू ने शिक्षक दिवस की पूर्व संध्या पर देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा:
- शिक्षक हमारे समाज के मार्गदर्शक हैं।
- वे अपने ज्ञान, विवेक और मूल्यों से आने वाली पीढ़ियों को तैयार करते हैं।
- भारत आज एक विकसित राष्ट्र बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है, ऐसे में जिम्मेदार और दक्ष नागरिक बनाने में शिक्षकों की भूमिका अहम है।
- हमें ऐसा माहौल बनाना चाहिए जहां शिक्षकों का सम्मान हो और विद्यार्थियों में रचनात्मकता, करुणा और नवाचार को बढ़ावा मिले।
पीएम मोदी का सम्मान संदेश
शिक्षक दिवस से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन 45 शिक्षकों से मुलाकात की जिन्हें इस वर्ष राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा।
पीएम मोदी ने कहा:
- एक शिक्षक केवल वर्तमान ही नहीं, बल्कि देश का भविष्य भी गढ़ता है।
- यह काम किसी भी रूप में देश सेवा से कम नहीं है।
- भारत हमेशा से गुरु-शिष्य परंपरा का उपासक रहा है।
- “मां जन्म देती है और गुरु जीवन देता है” — यह परंपरा आज भी हमारे समाज की नींव है।
शिक्षक: राष्ट्र निर्माण के स्तंभ
शिक्षक सिर्फ किताबों का ज्ञान देने वाले नहीं हैं, बल्कि वे विद्यार्थियों को चरित्र, संस्कार और जीवन मूल्य सिखाते हैं। आज के डिजिटल युग में जहां शिक्षा का तरीका बदल रहा है, वहीं शिक्षकों की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो गई है।





