दिल्ली सरकार ने अपनी इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) पॉलिसी 2.0 को लागू करने में 3 महीने की देरी की है। यह नई पॉलिसी अब 15 अगस्त, 2026 से लागू होगी, न कि 15 अप्रैल, 2025 से। इसका मतलब है कि अभी पेट्रोल और CNG वाले दोपहिया वाहनों को थोड़ी और राहत मिल गई है। लेकिन, आने वाले समय में दिल्ली की सड़कों पर केवल इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन ही दिखेंगे।
क्या है नई EV पॉलिसी 2.0 में?
- 15 अगस्त, 2026 से पेट्रोल/CNG दोपहिया वाहनों पर बैन
- दिल्ली में अब कोई नया पेट्रोल या CNG स्कूटर/बाइक रजिस्टर नहीं होगा।
- यहां तक कि Bajaj Freedom 125 जैसी CNG बाइक्स भी बंद हो जाएंगी।
- महिलाओं के लिए विशेष सब्सिडी
- पहली 10,000 महिला खरीदारों को ₹12,000 प्रति kWh (अधिकतम ₹36,000) की सब्सिडी।
- अन्य नागरिकों के लिए ₹10,000 प्रति kWh (अधिकतम ₹30,000) की छूट।
- पुराने पेट्रोल वाहन स्क्रैप करने पर अतिरिक्त लाभ।
क्या यह फैसला सही है?
सरकार का लक्ष्य प्रदूषण कम करना है, लेकिन क्या यह जबरन EV अपनाने का सही तरीका है?
- बिजली ग्रिड पर दबाव: लाखों EVs चार्ज करने से दिल्ली की पावर सप्लाई पर भारी दबाव पड़ेगा। क्या कोयले से चलने वाले पावर प्लांट्स प्रदूषण नहीं बढ़ाएंगे?
- सार्वजनिक परिवहन की चुनौती: मेट्रो और बसों पर भीड़ बढ़ सकती है।
- लो-क्वालिटी EVs का खतरा: लोग सस्ते, अन-रेगुलेटेड चाइनीज इलेक्ट्रिक स्कूटर खरीद सकते हैं, जो सुरक्षा के लिए खतरनाक हो सकते हैं।
एन्थूजियस्ट्स के लिए क्या?
अगर आप पेट्रोल बाइक्स के शौकीन हैं, तो आपको गुड़गांव या नोएडा से बाइक खरीदनी पड़ सकती है।
निष्कर्ष
EV अपनाना ज़रूरी है, लेकिन क्या यह इतनी जल्दबाज़ी में होना चाहिए? सरकार को चाहिए कि पहले इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत करे, ताकि आम आदमी को परेशानी न हो। वरना, यह फैसला बिना सोचे-समझे उठाया गया एक कदम साबित हो सकता है।