दिल्ली हाई कोर्ट में नए न्यायाधीश नियुक्त किए गए हैं और सोमवार, 21 जुलाई 2025 को छह जजों ने शपथ ग्रहण की। इन नियुक्तियों के साथ अब दिल्ली उच्च न्यायालय में कुल न्यायाधीशों की संख्या बढ़कर 40 हो गई है। शपथ ग्रहण समारोह दिल्ली हाई कोर्ट परिसर में आयोजित किया गया, जहां मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय ने सभी छह जजों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई।
👨⚖️ इन छह नए जजों के नाम और उनकी पृष्ठभूमि
दिल्ली हाई कोर्ट में नए न्यायाधीशों की लिस्ट इस प्रकार है:
- न्यायमूर्ति वी. कामेश्वर राव – पूर्व में कर्नाटक उच्च न्यायालय में कार्यरत
- न्यायमूर्ति नितिन वासुदेव साम्ब्रे – बॉम्बे हाई कोर्ट से स्थानांतरित
- न्यायमूर्ति विवेक चौधरी – इलाहाबाद हाई कोर्ट से स्थानांतरित, हिंदी में ली शपथ
- न्यायमूर्ति अनिल क्षेत्रपाल – पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट से
- न्यायमूर्ति अरुण कुमार मोंगा – राजस्थान हाई कोर्ट से आए
- न्यायमूर्ति ओम प्रकाश शुक्ला – इलाहाबाद हाई कोर्ट से स्थानांतरित
इनमें से न्यायमूर्ति विवेक चौधरी ने हिंदी में शपथ ली, जबकि अन्य जजों ने अंग्रेजी में शपथ ग्रहण की।
📜 अब तक कितने जज नियुक्त हो सकते हैं दिल्ली हाई कोर्ट में?
दिल्ली उच्च न्यायालय में स्वीकृत न्यायाधीशों की कुल संख्या 60 है, लेकिन वर्तमान में 40 न्यायाधीश कार्यरत हैं। इन नए न्यायाधीशों की नियुक्ति से कोर्ट की कार्यक्षमता में निश्चित रूप से सुधार होने की उम्मीद है।
🔁 न्यायपालिका में फेरबदल और कॉलेजियम में बदलाव
इन स्थानांतरणों और नियुक्तियों के बाद दिल्ली हाई कोर्ट कॉलेजियम में भी बदलाव हुआ है। पहले कॉलेजियम में मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय, न्यायमूर्ति विभु बाखरू और न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह शामिल थे।
अब कॉलेजियम में शामिल हैं:
- मुख्य न्यायाधीश डी.के. उपाध्याय
- न्यायमूर्ति वी. कामेश्वर राव
- न्यायमूर्ति नितिन साम्ब्रे
न्यायमूर्ति बाखरू को कर्नाटक हाई कोर्ट का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया है, जिसके चलते उन्हें विदाई दी गई और कॉलेजियम पुनर्गठित किया गया।
🏛️ केंद्र सरकार का बड़ा फैसला – 14 जुलाई को हुआ स्थानांतरण का नोटिफिकेशन
केंद्र सरकार ने 14 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिश पर इन छह जजों के दिल्ली उच्च न्यायालय में स्थानांतरण को मंजूरी दी थी। इसके बाद विधिवत अधिसूचना जारी कर दी गई, और 21 जुलाई को सभी ने अपने पद की शपथ ग्रहण कर ली।
🔍 निष्कर्ष: दिल्ली हाई कोर्ट को मिला नया न्यायिक बल
दिल्ली हाई कोर्ट में नए न्यायाधीशों की नियुक्ति से न्यायिक प्रक्रिया में तेजी आएगी। कोर्ट में लंबित मामलों की संख्या को कम करने और न्याय वितरण में पारदर्शिता सुनिश्चित करने की दिशा में यह कदम महत्वपूर्ण माना जा रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह फेरबदल दिल्ली की न्यायिक प्रणाली को और अधिक प्रभावशाली बनाएगा।
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