Report: Ram Yadav
रायसेन। सरकारी योजनाओं का उद्देश्य गरीबों और मजदूरों को लाभ पहुंचाना है, लेकिन ग्राम पंचायत उड़दमऊ में हालात ने इसे भ्रष्टाचार का मैदान बना दिया है। यहां सरपंच, सचिव और रोजगार सहायक ने मृत व्यक्तियों के नाम पर मनरेगा में मजदूरी कराई और सरकारी धन का खुलेआम दुरुपयोग किया।
मृतकों के नाम पर फर्जी मजदूरी
ग्राम गोरिया, इमलिया और आफतगंज में नवाब खान, शब्बीर खान और रशीद खान जैसे मृतक आज भी मनरेगा पोर्टल पर सक्रिय दिखाए जा रहे हैं। इनके नाम पर मजदूरी का भुगतान किया गया। इतना ही नहीं, ग्रेवल रोड, कपिल धारा कूप, खेत तालाब और सीसी नाली निर्माण जैसी योजनाओं में भी जेसीबी और ट्रैक्टर ट्रालियों के माध्यम से काम कराकर फर्जी भुगतान किया गया। कई हितग्राहियों से शौचालय निर्माण की राशि भी हड़प ली गई।
ग्रामीणों ने भी उठाए सवाल
ग्रामीण मजदूर जैसे रुआब खान, गोपाल सिंह, मधुसूदन, संतोष धाकड़, मेहराब खान, जलील खान, हारून खान, अनीस खान, फिरदौस खान, ग्यारसी धाकड़, जालम सिंह ने बताया कि उनके नाम पर बिना काम किए भुगतान किया गया। स्थानीय लोगों का आरोप है कि महिला सरपंच के पति संदीप राय और सचिव ने अपनी राजनीतिक पहुंच का उपयोग करके भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया। सालों से अधिकारियों और नेताओं की मिलीभगत से यह खेल चलता आया है।
प्रशासन की सुस्ती पर उठ रहे सवाल
अब सवाल यह उठता है कि जब यह खेल अधिकारियों की नजर में होते हुए भी चल रहा है, तो कार्रवाई क्यों नहीं हो रही?
स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि उच्च स्तर से जांच की जाए तो पंचायत में चल रहे भ्रष्टाचार के बड़े खुलासे सामने आ सकते हैं और कई जिम्मेदार जेल की सलाखों तक पहुंच सकते हैं। सवाल यह है कि क्या प्रशासन ने मृत आत्माओं को मजदूरी दिलाने का नया तरीका खोज लिया है?





