बैलाडीला लौह अयस्क की सबसे ऊंची पहाड़ी ढोलकाल जहाँ विराजे है गणपति बप्पा यहाँ पहुंचना अपने आप मैं चुनोती से भरा है।समुद्र तट से 3000 फीट की ऊँचाई पर है ये जगह।इन ऊंची पहाड़ियों में आभुजमाड़ मलखंभ एकेडमी के होनहार बच्चों ने ऊंची चोटी पर किया मलखंभ। ‘इंडियाज़ गॉट टेलेंट‘ सीजन 10 के विजेता है ये आदिवासी बच्चे जो नक्सलगड से निकल कर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर देश मैं ही नही विदेशों तक अपना लोहा मनवा रहे है। मलखंभ एकेडमी के ट्रेनर मनोज पटेल ने कहा कि ‘हमारा बस्तर खूबसूरत है साथ ही यहाँ एक से एक जगह है जो देश दुनिया की नज़रों से दूर है हमारा उद्देश्य सिर्फ इतना है कि इन प्राचीन धरोहर को संरक्षित किया जाए नही तो इनका अस्तित्व खतरे मैं पड़ जायेगा। हम आभुजमाड़ मलखंभ एकेडमी द्वारा इन पहाड़ियों में सुरक्षा को दिष्टि मैं रखते हुए मलखंभ कर रहे है, आप ये प्रयास ना करे हमने 12 किलोमीटर की दूरी तय कर पहले ऊंची पहाडी पर पहुंच कर उस जगह का चयन किया और फिर वहां ड्रिल कर स्पोर्ट्स बना कर टीम ने मलखंभ किया ये चुनती से भरा था। अगर सरकार चाहे तो इस क्षेत्र को बेहतरीन टूरिस्ट स्पॉट बनाया जा सकता है। जिससे देश विदेश से पर्यटक यहां ज्यादा से ज्यादा संख्या में पहुचे।
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